लाइव टीवी

न्यायिक हिरासत में भेजे गए अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी, 18 अगस्त तक रहेंगे जेल में

Updated Aug 05, 2022 | 18:35 IST

पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने दोनों को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

Loading ...

कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 18 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अर्पिता मुखर्जी की वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। हम उसके लिए एक डिवीजन 1 कैदी कैटेगरी चाहते हैं। उसके भोजन और पानी की पहले जांच की जानी चाहिए और फिर उसे दिया जाना चाहिए। ईडी के अधिवक्ता ने भी समर्थन किया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है क्योंकि 4 से अधिक कैदियों को नहीं रखा जा सकता है। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट लेकर पहुंची थी।

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल सेवा आयोग नियुक्ति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में शुक्रवार को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की 14 दिन की न्यायिक हिरासत का अनुरोध किया था। ईडी के वकील ने मामले में नए खुलासे को लेकर जेल में दोनों आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अदालत की अनुमति के लिए भी आग्रह किया। मनी लॉन्डिंग निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत विशेष अदालत के न्यायाधीश जिबोन कुमार साधु ने मामले में सभी पक्षों को सुना।

चटर्जी और मुखर्जी 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अवैध नियुक्तियों में शामिल कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में ईडी की हिरासत में हैं। चटर्जी की जमानत के लिए अनुरोध करते हुए उनके वकील ने कहा कि अब वह एक सामान्य व्यक्ति हैं और फरार नहीं होंगे। चटर्जी के वकील ने कहा कि वह अब प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हैं और अपनी विधायकी छोड़ने पर भी विचार करने को तैयार हैं।

गिरफ्तार होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चटर्जी को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। जबकि टीएमसी ने उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। ईडी ने दावा किया कि चटर्जी की हिरासत में 15 दिनों में से कम से कम दो दिन यहां के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होने के कारण बर्बाद हो गए।

पार्थ चटर्जी को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर मेडिकल जांच के लिए एम्स भुवनेश्वर भेजा गया था और वहां के डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें तत्काल भर्ती करने की जरूरत नहीं है। ईडी ने दावा किया है कि उसने मुखर्जी के फ्लैट से 49.8 करोड़ रुपए कैश, भारी मात्रा में आभूषण और सोना के साथ संपत्तियों और दोनों आरोपियों के संयुक्त स्वामित्व वाली एक कंपनी के दस्तावेज बरामद किए हैं।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।