नई दिल्ली : जासूसी मामले में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा कथित रूप से भारत की सीमा से जुड़ी हुई रणनीतिक जानकारी और सेना की तैनाती के ब्योरे चीन की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे थे। एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने कहा कि शर्मा कुछ भारतीय मीडिया प्रतिष्ठानों और चीन के मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के लिए रक्षा से जुड़े मुद्दों पर लेख लिख रहे थे।
चीन के एजेंट ने 2016 में शर्मा को संपर्क किया
पुलिस अधिकारी ने बताया कि चीन के खुफिया विभाग के एजेंट ने कथित रूप से शर्मा से वर्ष 2016 में संपर्क किया। यही नहीं, चीन के कुछ खुफिया विभाग के अधिकारियों के संपर्क में शर्मा भी थे। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि इस फ्रीलांस जर्नलिस्ट को डेढ़ सालों में 40 लाख रुपए मिले और प्रत्येक इंफार्मेशन के लिए उन्हें 1000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जा रहा था।
दिल्ली पुलिस को मिली थी खुफिया जानकारी
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शर्मा को गत 14 सितंबर को गिरफ्तार किया। डीसीपी ने बताया कि पुलिस को जासूसी मामले में शर्मा के बारे में इनपुट्स मिले थे। पुलिस ने शर्मा के पास से रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज जब्त किए हैं।
चीन और नेपाल के नागरिक भी गिरफ्तार
पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले में चीन की एक महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों पर आरोप है कि वे फर्जी कंपनियों के जरिए शर्मा को बड़ी मात्रा में रकम मुहैया करा रहे थे।