- सांसद महूसस करने लगे कोरोना का खतरा, मानसून सत्र समय से पहले खत्म करने की मांग
- एक सांसद ने कहा कि सत्र समय से पहले खत्म करने के लिए दलों में आम सहमति है
- बीते दिनों कोरोना की वजह से दो सांसदों की जा चुकी है जान, कई नेता हुए हैं संक्रमित
नई दिल्ली: सांसदों को कोरोना का डर सताने लगा है। कई राजनीतिक दलों ने सरकार से मानसून सत्र को समय से पहले समाप्त करने की मांग की है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक की दलों के सांसदों ने जारी मानसून सत्र को समय से पहले खत्म करने की इच्छा जताई है। बिजनस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जाते समय एक पार्टी के नेता ने कहा, 'हम मानसून सत्र में कटौती की मांग करेंगे। हम जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते।' बता दें कि कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून 14 सितंबर से शुरू हुआ है। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मानसून सत्र की अवधि छोटी रखी गई है। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दो पालियों सुबह और शाम के वक्त चलती है।
18 दिनों का है मानसून सत्र
कोरोना संकट को देखते हुए इस बार मानसून सत्र का समय छोटा 18 दिनों का रखा गया है। यह 14 सितंबर को शुरू हुआ और इसका समापन एक अक्टूबर को होना है लेकिन कोरोना पीड़ित दो सांसदों के निधन हो जाने के बाद सत्र को पहले समाप्त किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। एक सांसद ने शनिवार को कहा, 'संसद के इस सत्र को छोटा करने पर आम सहमति है। हमने इस बारे में फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया है। हम सत्र छोटा करने की मांग करेंगे, हम अपना जीवन खतरे में नहीं डाल सकते।' संसद इस बार शनिवार और रविवार को भी काम कर रही है। कोरोना संकट के बीच संसद की यह पहली बैठक है।
संसद में की गई है विशेष सुरक्षा
कोविड-19 के खतरे को देखते हुए संसद में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। संसद में कैंटीन से लेकर सांसदों के बैठने और आने जाने के बारे में एहितायती कदम उठाए गए हैं। संसद में कोविड-19 के प्रोटोकॉल एवं सोशल डिस्टैंसिंग का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। गत गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं राज्यसभा सांसद अशोक गास्ती का निधन हो गया। वह कोरोना से संक्रमित थे।
दो सांसदों का निधन हुआ
इससे पहले बुधवार को आंध्र प्रदेश में तिरुपति के लोकसभा सांसद बल्ली दुर्गा प्रसाद राव का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। वह भी कोरोना वायरस से पीड़ित थे। कोरोना महामारी की चपेट में गृह मंत्री अमित शाह आ चुके हैं। इसके अलावा करीब छह केंद्रीय मंत्री उपचार के बाद ठीक हुए हैं। यूपी में कोरोना से दो मंत्रियों की मौत हुई है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री और बड़े नेता कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं।