- सोमवार रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प
- इस हिंसक झड़प में एक अफसर सहित भारत के तीन सैनिक हुए हैं शहीद
- इस घटना के बाद भारत में हो रही उच्च स्तरीय बैठकें, सीमा पर तनाव जारी
हैदराबाद : लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद हो जाने के बाद देश में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से इस शहादत का बदला लेने की मांग की। हैदराबाद के सांसद ने कहा है कि सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए जवानों की शहादत व्यर्थ न जाने पाए। अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। मीडिया रिपोर्टों में इस हिंसक झड़प में चीनी सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है।
ओवैसी ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'गलवान घाटी में चीन ने आज हमारे तीन बहादुर जवानों की हत्या कर दी। मेरी संवेदनाएं शहीद कर्नल एवं दो जवानों के परिवारों के साथ हैं। अफसर सामने से मोर्चा संभाले हुए थे। सरकार को इन हत्याओं को जरूर बदला लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहादत व्यर्थ न जाए।'
कैप्टन अमरिंदर बोले-अब भारत उठाए बड़ा कदम
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है। कैप्टन ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'अब भारत की तरफ से कड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। हम यदि कमजोरी दिखाएंगे तो चीन और आक्रामक होगा। मैं बहादुर जवानों को उनकी शहादत पर श्रद्धांजलि देता हूं। दुख की इस घड़ी में देश उनके परिवार के साथ है।' उन्होंने आगे कहा, 'गलवान घाटी में चीन की तरफ से बार बार उल्लंघन हो रहा है। घुसपैठ की इन घटनाओं के खिलाफ देश को उठ खड़ा होने का समय आ गया है।'
पांच मई से बॉर्डर पर है तनाव
बता दें कि लद्दाख के पूर्वी इलाके में गत पांच मई से भारत और चीन के बीच गतिरोध एवं तनाव बना हुआ है। दरअसल, चीन की सेना पीएलए मई के शुरुआती सप्ताह में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठी की जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव का दौर शुरू हो गया। चीनी सेना ने पेंगांग झील, गलवान वैली और हॉट स्प्रिंग इलाके में अतिक्रमण कर अपनी तादाद बढ़ा ली। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपनी फौज की संख्या में इजाफा किया।
सैन्य कमांडरों के बीच हुई बातचीत
सीमा पर गतिरोध समाप्त करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच कई दफे बातचीत हुई लेकिन तनाव को दूर करने में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी। गत छह जून को दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच करीब साढ़े पांच घंटे बैठक चली लेकिन इस बैठक में भी कोई हल नहीं निकल सका। हालांकि, दोनों देश बातचीत के जरिए मौजूदा समस्या का हल निकालने के लिए सहमत हुए हैं। भारत और चीन के बीच आने वाले कुछ दिनों में विदेश मंत्रियों के बीच बैठक होने की भी चर्चा है। इस बीच, गलवान घाटी की हिंसा ने इस पूरे गतिरोध को एक नया रूप दे दिया है। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सेना के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक हुई है।