नई दिल्ली: निर्भया कांड के बाद से बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा का नया कानून लागू होने के बाद से रेप के बाद बलात्कार पीड़ितों की हत्याएं की घटनाओं में इजाफा हुआ है। राजस्थान के सीएम और कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत के इस बयान पर निर्भया की मां ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक बयान है, यह दर्दनाक है, खासकर उन परिवारों और लड़कियों के लिए जो इस तरह के जघन्य अपराधों का शिकार हुई हैं। उन्होंने (सीएम गहलोत) निर्भया का मजाक उड़ाया है। यह कानून उनकी सरकार ने ही बनाया है। निर्भया की मां ने कहा कि कानून आने से पहले भी लड़कियों की हत्या कर दी जाती थी। यह दोषियों का समर्थन करने की उनकी (सीएम गहलोत की) मानसिकता को दर्शाता है जबकि बलात्कार पीड़ितों के प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है। कानून बुरा नहीं है, लोगों की मानसिकता बुरी है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए और अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।
गौर हो कि सीएम गहलोत ने शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महंगाई, अग्निवीर योजना, भ्रष्टाचार, लोकतंत्र, बेरोजगारी और अपराध जैसे विभिन्न मुद्दो पर बात की थी। उसी दौरान उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद बलात्कार के दोषियों के लिए फांसी का नया कानून आ गया, जिसके कारण बलात्कार बाद होने वाली हत्या की घटनाओं में इजाफा हुआ है। बलात्कार करने वाला, अब देखता है कि यह तो कल मेरे खिलाफ गवाह बन जाएगी और बच्चियों की हत्या कर देता है। पूरे देश में यह एक खतरनाक ट्रेंड दिख रहा है, जैसी की रिपोर्ट आ रही है।
यूपी के बाद देश में सबसे अधिक बलात्कार के मामले राजस्थान में
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2020 के अनुसार राजस्थान में उत्तरप्रदेश के बाद देश में सबसे अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, राज्य बलात्कार के मामलों में शीर्ष पर बना हुआ है, लेकिन वर्ष 2019 की तुलना में मामलों की संख्या (5997) में 11.45 प्रतिशत की गिरावट आई है। राजस्थान में हर साल करीब 2000 बलात्कार के मामले सामने आते हैं। जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक पोस्को अधिनियम के तहत 4091 मामले दर्ज किए गए हैं।
गहलोत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। पिछले तीन साल में राजस्थान मासूम बच्चियों पर अत्याचार का केंद्र बना हुआ है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये विवादित बयान देकर मुद्दे को तूल दिया जा रहा है। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि फांसी की सजा के प्रावधान से बलात्कार के बाद हत्या की घटनाओं के बढ़ने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, जो गृह विभाग के मुखिया भी हैं, बेतुके बयान देकर राज्य में बढ़ते बलात्कार के मामलों में अपनी सरकार की नाकामी से बच नहीं सकते है। मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी के आंकडे और पुलिस रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य बलात्कार के मामलों में देश में पहले स्थान पर है।
Rashtravad: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को बलात्कारियों में नहीं, कानून में दोष नजर आता है?