- असम में लॉकडाउन को लेकर एक झूठा दावा किया जा रहा है
- राज्य सरकार ने इस दावे को पूरी तरह भ्रामक बताया है
- सरकार ने कहा कि इस तरह की किसी पर यकीन न करें
नई दिल्ली: कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। भारत समेत 160 से अधिक देश इस महामारी से दहशत में हैं। अभी तक यह वायरस दुनियाभर में 14 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। वहीं, तीन लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। कई देशों की सरकारों ने एहतियात के तौर पर लॉकडाउन की घोषणा की है। भारत में भी कई राज्यों की सरकारों ने हाल में लॉकडाउन का ऐलान किया। हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां लॉकडाउन नहीं किया गया है। इसी बीच असम में लॉकडाउन को लेकर एक मैसेज द्वारा भ्रामिक जानकारी फैलाई जा रही है।
'दिहाड़ी मजदूरों को मिलेंगे मुफ्त चावल'
व्हाट्सएप समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा किया जा रहा है कि पूरे असम में लॉकडाउन कर दिया गया है। यहां चार लोग एकसाथ एकत्रित नहीं हो सकते, चाहे वो एक ही परिवार के क्यों न हों। इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि दिहाड़ी मजदूरों को एक महीन चावल मुफ्त दिए जाएंगे। मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि चावल के साथ-साथ हर परिवार को 1500 रुपए मकद देगी। राज्य सरकार इसके अलावा भी इस वायरल मैसेज में कई दावे किए गए हैं। हालांकि, इन दावों को असम सरकार ने खारिज कर दिया है।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की ओर से कहा गया है कि यह वायरल मैसेज गलत है। मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, 'हमने व्हाट्सएप पर फैलाया जा रहा एक मैसेज एक मैसेज देखा है, जो पूरी तरह से निराधार है। अगर सरकार इस तरह का कोई निर्णय लेगी तो हम सभी को बताएंगे। सभी से अनुरोध है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में घबराएं नहीं।' हालांकि, कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए असम सरकार ने 31 मार्च, 2020 तक सभी अंतरराज्यीय यात्री वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया।
जनता कर्फ्यू पर लोगों ने किया जमकर अमल
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को किए गए जनता कर्फ्यू पर असम के लोगों ने जमकर अमल किया। यहां करोड़ों लोगों के अपने घरों से नहीं निकलने के साथ ही शहर के बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। गुवाहाटी में, लोग घरों के भीतर रहे और सभी बाजार एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। अन्य जिलों में भी इसी तरह के नजारे देखने को मिले जहां राष्ट्रीय राजमार्ग सूने पड़े रहे और बाजार बंद रहे। कुछ दोपहिया वाहन और निजी कार सुबह सड़कों पर नजर आए जो दूध और ब्रेड जैसी जरूरी चीजें लेने बाहर निकले थे।