- असम सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री के लिए अनुमति दी है
- डिब्रूगढ़ में शराब की एक दुकान के आगे लोगों की कतार लग गई
- शराब की बिक्री से सरकारों को प्राप्त होता है बड़ी मात्रा में राजस्व
गुवाहाटी : कोविड-19 के प्रकोप की वजह से देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है। सभी प्रदेशों में जरूरी सेवाओं को छोड़कर उद्योग धंधे और कल-कारखाने सभी बंद हैं। इससे राज्यों का राजस्व बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राज्य सरकारों को शराब की बिक्री से बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है लेकिन लॉकडाउन में शराब की बिक्री भी बंद है। राज्यों के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि शराब की दुकानें शर्तों के साथ खोली जाएं ताकि राजस्व का ज्यादा नुकसान न हो। इसी कड़ी में असम में सोमवार को शराब की दुकानें खुलीं और दुकान खुलते ही उसके सामने लोगों की लंबी कतार लग गई।
सोमवार को डिब्रगढ़ में शराब की दुकान खुलते ही लोग खरीदारी के लिए उमड़ पड़े। एक दुकान के आगे लोगों की कतार लग गई। बता दें कि असम सरकार ने राज्य में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी है।
कोरोना के खतरे से निपटने के लिए देश में 25 मार्च से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू हो गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जरूरी सेवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी। आवश्यक सेवाओं एवं सामग्रियों को छोड़कर देश भर में अन्य सेवाओं पर रोक लगा दी गई। लोग सोशल मीडिया पर शराब की दुकानें खोलने की मांग सरकार से कर रहे थे।
गत शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने पीएम से शराब की दुकानें खोले जाने की अनुमति मांगी। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि शराब की बिक्री से उन्हें राजस्व की काफी प्राप्ति होती है लेकिन इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगने से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। समझा जाता है कि असम की तरह अन्य राज्य सरकारें भी शराब की दुकानें खोलने पर फैसला ले सकती हैं। हालांकि, शराब की दुकानें खोलने को लेकर कुछ शर्तें भी लगाई जा सकती हैं।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। समझा जाता है कि देश भर में लॉकडाउन बढ़ाने के बारे पीएम मोदी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कुछ राहत के साथ देश में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ सकता है। चर्चा यह भी है कि कोविड-19 के प्रसार एवं खतरे को देखते हुए सरकार देश को रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांट सकती है। रेड जोन में लॉकडाउन से किसी तरह की छूट नहीं होगी जबकि येलो जोन में शर्तों एवं प्रतिबंधों के साथ कुछ छूट होगी। ग्रीन जोन में लॉकडाउन नहीं रहेगा।