श्रीनगर : कश्मीर से आने वाली 25 वर्षीया आयशा अजीज देश की सबसे युवा महिला पायलट बन गई हैं। इस उपलब्धि के बाद आयशा कश्मीरी महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभरी हैं। कश्मीरी महिलाएं उन्हें अपनी एक सशक्त प्रतिनिधि के रूप में देखने लगी हैं। यही नहीं, आयशा 15 साल की उम्र में पायलट लाइसेंस पाने वाली सबसे युवा छात्र भी रही हैं। हाल के वर्षों में कश्मीर की इस युवा पायलट को रूस के सोकोल एयरबेस पर फाइटर प्लेन मिग-29 उड़ाने का प्रशिक्षण दिया गया। बाद में आयशा ने बॉम्बे फ्लाइंग क्लब (बीएफसी) से एविएशन में ग्रेजुएट किया और साल 2017 में कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस हासिल किया।
कश्मीर की महिलाओं ने प्रगति की है-आयशा
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में आयशा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर की महिलाओं ने काफी प्रगति की है और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने नई-नई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कश्मीर की महिलाएं काफी अच्छा कर रही हैं, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। कश्मीर में हर दूसरी महिला या तो मास्टर्स कर रही है या डॉक्टरेट। घाटी के लोग सही रास्ते पर हैं।' पायलट की जिम्मेदारी एवं चुनौतीपूर्ण माहौल के बारे में कश्मीरी महिला का कहना है कि उन्हें चुनौतियां लेना अच्छा लगता है और वह खुश हैं।
आयशा को बचपन से पसंद है यात्रा करना
आयशा ने कहा, 'मुझे बचपन से यात्रा करना पसंद है, इसलिए मैंने यह क्षेत्र चुना। मैं विमान उड़ाने को लेकर काफी रोमांचित होती थी। आपको यह काम करते हुए बड़ी संख्या में लोगों से मिलने का मौका मिलता है। इसलिए मैं पायलट बनना चाहती थी। पायलट का काम सामान्य नौ से पांच का नहीं, बल्कि काफी चुनौतीपूर्ण है। पायलट के काम में पहले से कुछ भी तय नहीं होता। आपको नई जगहों पर जाना होता है और अलग-अलग जगहों के मौसम का सामना करना होता है। इस दौरान आपको नए लोगों से मुलाकात होती है।'
उन्होंने कहा, 'ऐसी स्थितियों का सामना करने के लिए आपकी मानसिक दशा काफी मजबूत होनी चाहिए। विमान में आपको 200 यात्रियों के साथ उड़ान भरनी होती है, यह काफी जिम्मेदारी का काम है।' पायलट बनने में आयशा ने अपने माता-पिता के योगदान एवं सहयोग की भी सराहना की और उनका आभार जताया। आयशा ने आगे कहा, 'मैं काफी भाग्यशाली हूं कि माता-पिता ने मेरे हर काम में सहयोग किया। बिना उनके सहयोग और समर्थन के मैं आज पायलट नहीं बन पाती। मैं अपने पिता को अपना सबसे बड़ा आदर्श मानती हूं।'