अयोध्या : बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहले ट्रस्ट बनाया गया। ट्रस्ट मंदिर बनाने की दिशा में तेजी आगे बढ़ रहा है। खबर है कि रामलला का अस्थाई मंदिर शनिवार देर रात अयोध्या पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक बुलेटप्रूफ फाइबर बने मंदिर अनेक सुख-सुविधाओं से लैस है। रामलला को गर्मी से बचाने के लिए इसमें दो एसी भी लगाए जाएंगे। मंदिर में 24 मार्च तक चबूतरा तैयार हो जाएगा। इसके बाद 25 मार्च को रामलला को इस चबूतरे पर विराजमान कराया जाएगा, जहां पर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला की प्रथम आरती करेंगे।
फाइबर के मंदिर में शिफ्ट होंगे रामलला
न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबकि रामलला के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 27 सालों से रामलला टेंट में विराजमान हैं। अब रामलला के लिए फाइबर का मंदिर आ गया है। इसमें जल्द से जल्द रामलला को शिफ्ट कर दिया जाएगा। फाइबर का मंदिर बहुत अच्छा है। उसमें रामलला के लिए जरूरत की सारी सुख-सुविधाएं होंगी। रामलला को अब किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी।
सारी सुख-सुविधाएं हैं इस मंदिर में
गौर हो कि अभी रामलला टेंट के मंदिर में विराजमान हैं, जहां पर सर्दी, गर्मी और बरसात तीनों ही मौसम में समस्याएं होती रही हैं। रामलला को गर्मी से बचाने के लिए भी इंतजाम नहीं थे। लेकिन भगवान राम के लिए अस्थाई बने मंदिर में काफी सुविधाएं हैं। फाइबर से बना यह राम मंदिर पानी और आग से पूरी तरह सुरक्षित है। यह पहला मौका होगा, जब 1992 के बाद रामलला अपने टेंट से निकलकर फाइबर से बने सुख-सुविधा से भरपूर इस मंदिर में स्थानांतरित होंगे।
भक्तों के लिए भी होगी बहुत सुविधाएं
रामलला के दर्शन के लिए राम भक्तों को पहले के मुकाबले बहुत कम चलना पड़ेगा। सिर्फ 26 फुट की दूरी से आमलोग रामलला का दर्शन कर पाएंगे। हालांकि, सुरक्षा-व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी जाएगी। लेकिन बैरिकेड्स पहले से कम कर दिए जाएंगे। रामभक्तों की बार-बार तलाशी नहीं ली जाएगी। स्कैनिंग मशीनें लगाई जाएंगी। क्लॉक रूम की सुविधा भी उपलब्ध होगी। बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। अब श्रद्धालु रामलला के पूजा-पाठ के लिए पूजा सामग्री भी ले जा सकेंगे। यानी फूल माला प्रसाद भी साथ ले जाने की छूट होगी। साथ ही अंदर तीर्थयात्रियों के विश्राम के लिए शेड भी बनाया जाएगा, जहां बैठने की व्यवस्था तो होगी ही। साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था भी होगी।