- अयोध्या में राम मंदिर को दो से तीन मंजिला बनाया जा सकता है
- मंदिर के पुराने नक्शे में कुछ बदलाव कर उसे भव्य रूप प्रदान करने का सुझाव आया है
- एक मंडप और एक अतिरिक्त मंजिल के साथ 35 फुट ऊंचे शिखर का विस्तार करने पर मंथन हो रहा है
नई दिल्ली : 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की ओर अग्रसर हो गया है। मंदिर के मॉडल और आकार को लेकर सुझाव आ रहे हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद और राम जन्मभूमि न्यास के मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए। उधर राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा का कहना है कि मंदिर का प्रारूप जिस तरह का है वैसा दुनिया में कहीं नहीं है।
सोमपुरा ने हिंदुस्तान से कहा कि अगर ट्रस्ट निर्देश देता है तो मंदिर को दो से तीन मंजिला बनाया जा सकता है। इसके लिए डिजाइन में बदवाल कर सकते हैं। इसे विश्वस्तरीय तीर्थस्थल के तौर पर विकसित कर सकते हैं। यह दुनिया के आठवां आश्चर्य बन सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मंदिर परिसर को 67 एकड़ की जगह 100-120 एकड़ तक विस्तार कर दिया जाए तो हम उसके हिसाब से मंदिर का नया डिजाइन तैयार कर देंगे। ट्रस्ट के निर्देश के बाद हम 15 दिन में डिजाइन में बदलाव कर देंगे।
मंदिर के पुराने नक्शे में बदलाव का सुझाव
सूत्रों के मुताबिक मंदिर के पुराने नक्शे में कुछ बदलाव कर उसे भव्य रूप प्रदान करने का सुझाव आया है। अब मंदिर के लिए 2 मंजिल के बजाय 3 मंजिल बनाने तथा एक मंडप और एक अतिरिक्त मंजिल के साथ 35 फुट ऊंचे शिखर का विस्तार करने पर मंथन हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में प्रस्तावित राम मंदिर की ऊंचाई 125 फुट है, जिसे करीब 160 फुट किया जा सकता है।
प्रस्तावित नक्शे के अनुसार राम मंदिर
प्रस्तावित नक्शे के अनुसार अभी मंदिर के निर्माण में 2 लाख 63 हजार घनफीट पत्थर लगेगा। राम मंदिर के ऊपरी भाग में 106 खंभे होंगे। हर खंभे में 12 हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई जाएंगी। पहली मंजिल पर राम दरबार का निर्माण होगा। जहां पर राम, लक्ष्मण और सीता के साथ हनुमान जी की भी मूर्ति लगेगी। राम मंदिर के साथ-साथ पांच और मंदिर भी बनेंगे। इनमें भरत, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और गणेश जी की मूर्ति भी होगी।
जब अशोक सिंघल तैयार कराया था मॉडल
गौर हो कि चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राममंदिर का मॉडल तैयार किया था। इसमें पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरुरत बतायी गई थी। वीएचपी के नक्शे के अनुसार, प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार का दर्शाया गया है और इसे नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से तैयार करने का प्रस्ताव किया गया था। इस नक्शे में प्रस्तावित मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 135 फुट और ऊंचाई 125 फुट बतायी गई है। हर मंजिल पर 106 खम्भे होंगे। पहली मंजिल पर खम्भे की लम्बाई 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट प्रस्तावित है। प्रत्येक मंजिल 185 बीम पर टिकी होगी। मंदिर में संगमरमर का फ्रेम और लकड़ी के दरवाजे होंगे। मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे और रामलला की मूर्ति निचले तल पर विराजमान होगी। मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
कौन है चंद्रकांत सोमपुरा?
चंद्रकांत सोमपुरा मूल रूप से गुजरात के पालीताणा से आते हैं। इनका परिवार 16 पीढ़ियों से देश-विदेश में भव्य मंदिरों का निर्माण करता आ रहा है। वे खुद अब तक हिंदू, जैन और स्वामीनारायण संप्रदाय के 100 से अधिक मंदिर बना चुके हैं। इन्होंने गांधीनगर का स्वामी नारायण मंदिर, पालनपुर अंबा माता और कई बिड़ला मंदिर बनवाए हैं। गुजरात के विख्यात सोमनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण के आर्किटेक्ट उनके दादा प्रभा शंकर सोमपुरा थे। उत्तराखंड के बदरीनाथ मंदिर का मरम्मत इनके पिता ने करवाया था। सोमपुरा को 1997 में सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट घोषित किया गया था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल लंदन का अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर इन्होंने ही बनवाया था।