नई दिल्ली: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स का दावा है कि उसने कोरोना वायरस का परीक्षण करने के लिए एक नई तकनीक की खोज की है। इससे 5-6 घंटे में सटीक परिणाम आने का भी दावा किया गया है। विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय कहती हैं, 'हमने COVID 19 में मौजूद प्रोटीन सीक्वेंस को टारगेट करने का प्रयास किया है। यह प्रोटीन सीक्वेंस किसी और वायरस के स्ट्रेन में नहीं पाया जाता है।'
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जब टेस्टिंग किया जाता है तो यह केवल COVID 19 उपस्थिति का पता लगाएगा, इसलिए गलत पहचान की संभावना कम होगी। प्रोफेसर गीता राय ने बताया कि यह महिला टीम द्वारा सभी द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें मेरे अलावा डॉली दास, खुशबूप्रिया, हीरल ठाकर हैं। हमने 27 मार्च को पेटेंट दायर किया है। यह तभी सफल होगा जब इसका एनआईवी द्वारा सत्यापन किया जाएगा जिसके बाद इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा अनुमोदित किया जाना है।
हाल ही में आईसीएमएर ने कोविड-19 परीक्षण के लिए निजी प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी है। 27 मार्च को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक बयान के अनुसार, स्वीकृत सरकारी प्रयोगशालाओं की कुल संख्या 122 थी, जिनमें से 113 प्रयोगशालाएं पहले से ही चालू हैं जबकि शेष 9 प्रक्रिया में हैं। ICMR ने देशभर में कोविद-19 का परीक्षण करने के लिए 47 निजी प्रयोगशालाओं को भी अनुमति दी है। ICMR ने महाराष्ट्र में नौ निजी प्रयोगशालाओं को परीक्षण करने की अनुमति दी है, दिल्ली में आठ, तेलंगाना में सात, तमिलनाडु और गुजरात में चार-चार और केरल और पश्चिम बंगाल में दो-दो प्रयोगशालाओं को अनुमित मिली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान परीक्षण पर जोर दिया है। भारत सरकार नियमित आधार पर COVID-19 के परीक्षण की क्षमता बढ़ाने का दावा करती है।
संयुक्त सचिव, हेल्थ, लव अग्रवाल ने कहा कि निजी प्रयोगशालाओं को COVID-19 का परीक्षण करते समय ICMR मानदंडों का पालन करना होगा।