- 8 नवंबर को किसानों ने भारत बंद का किया है ऐलान, कई राजनीतिक दलों का मिला है समर्थन
- किसान संगठन बोले- मेडिकल, आवश्यक सेवा और शादी के कार्यक्रम में जा रहे लोगों को नहीं रोकेंगे
- किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9 नवंबर को होनी है अगले दौर की बातचीत
नई दिल्ली। 9 दिसंबर को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच छठवें दौर की बातचीत होनी है उससे पहले किसानों ने 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है, इस बंद को तमाम राजनैतिक दलों का समर्थन मिला हुआ है, ऐसे में हर किसी के मन में यह शंका होगा कि अगर वो सड़क पर निकलता है तो कहीं मुश्किलों का सामना न करना पड़े। लेकिन इस संबंध में किसान संगठनों का कहना है कि उनका किसी के लिए मुसीबत नहीं बनेगा।
इन लोगों को नहीं होगी परेशानी
किसान संगठनों का कहना है कि भारत बंद पूरे दिन रहेगा।लेकिन चक्का जाम तीन बजे तक रहेगा। इसके अलावा उन लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी जो मेडिकल के काम से या शादियों में जा रहे होंगे। जो लोग शादी में जा रहे होंगे उन्हें शादी का कार्ड दिखाना पड़ेगा। इसके साथ ही आवश्यक सेवा से जुड़े लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
11 से तीन बजे तक चक्काजाम
दिल्ली-हरियाणा सिंघू सीमा पर किसान नेता डॉ दर्शन पालकल पूरे दिन बंद का पालन किया जाएगा। कल दोपहर 11 से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। यह एक शांतिपूर्ण बंद होगा। हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक नेताओं को अनुमति नहीं देने पर अडिग हैं। दिल्ली की सभी मंडी समितियों ने मंगलवार के भारत बंद आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है।
किसानों के हित के खिलाफ कोई फैसला नहीं
किसान संगठनों का कहना है कि वो ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे हैं, उनकी सिर्फ एक ही मांग है कि नया कृषि कानून जो कि काला कानून है उसे हटा लिया जाए। पांचवें दौर की बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की मांग और उनकी दिक्कतों को लेकर सरकार खुले मन से विचार कर रही है। कोई भी फैसला इस तरह का नहीं लिया गया है या लिया जाएगा जो किसानों के हित के खिलाफ होगा।