नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 12 दिनों से जारी है। इस बीच उनके और सरकार के बीच बातचीत जारी है, लेकिन समाधान नहीं निकला है। अगली बातचीत 9 दिसंबर को होनी है। उससे पहले किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों को समर्थन भी खूब मिल रहा है। नोएडा में किसानों ने अजीब तरीके से कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
यहां एक शख्स ने भैंस के आगे बीन बजाई। भैंस को केंद्र सरकार के रूप में पेश किया गया, जबकि बीन बजाने वाले शख्स को किसान कहा गया। इस तरह किसानों ने उस कहावत को सही ठहराने की कोशिश की, जिसमें कहा जाता है कि 'भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फायदा नहीं।'
इस तरह अजीब प्रदर्शन कर किसान बताना चाहते हैं कि सरकार पर उनकी बातों का कोई असर नहीं हो रहा है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में दलित प्रेरणा स्थल पर छह दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के नेता व कार्यकर्ता सोमवार को भी यहां डटे रहे। गौरतलब हो कि भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को दिल्ली की ओर पैदल मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था।
कई किसान बीमार
दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन (भानु) द्वारा चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा धरना-प्रदर्शन आज सातवें दिन भी जारी है। चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने दिल्ली से नोएडा व नोएडा से दिल्ली आने-जाने वाले दोनों तरफ के मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। ठाकुर भानु प्रताप सिंह की तबीयत रविवार को अचानक खराब हो गई थी तथा उन्हें नोएडा के सेक्टर-71 स्थित कैलाश अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया था। सिंह ने कहा, 'सर्द रात में खुले आसमान में सड़क पर धरना दे रहे कई अन्य किसान भी सर्दी खांसी की वजह से परेशान है। लेकिन वे जांच नहीं करा रहे हैं क्योंकि उन्हें आशंका है कि सरकारी तंत्र कोरोना वायरस के नाम पर उनके धरने को प्रभावित कर सकता है।'