नई दिल्ली : कोविशील्ड के बाद अब कोवैक्सीन टीकों के दाम भी तय कर दिए हैं। भारत बायोटेक की ओर से इस संबंध में शनिवार को एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया है कि टीकों की प्रति डोज की कीमत सरकारी और निजी अस्पतालों में क्या होगी। भारत बायोटेक की यह घोषणा देश में कोविशील्ड निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की घोषणा के तीन दिन बाद आई है।
भारत बायोटक के अनुसार, सरकारी अस्पतालों को जहां वैक्सीन की एक डोज 600 रुपये में मिलेगी, वहीं निजी अस्पतालों को वैक्सीन की एक डोज 1,200 रुपये में मिलेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि वैक्सीन के डोज की कीमत निर्धारण का फैसला केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार लिया गया है।
भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एम एल्ला ने कहा कि उनकी कंपनी केन्द्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है और केन्द्र यह वैक्सीन नि:शुल्क वितरित कर रहा है। एल्ला ने कहा, 'हम यह बताना चाहते हैं कि कंपनी की आधी से अधिक उत्पादन क्षमता, केन्द्र सरकार को आपूर्ति के लिए आरक्षित की गई है।' उन्होंने कहा कि कोविड चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
कोविशिल्ड वैक्सीन की कीमत
इससे पहले 21 अप्रैल (बुधवार) को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशिल्ड वैक्सीन के डोज की कीमत तय किए जाने की घोषणा की थी और कहा था कि सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की प्रति डोज 400 रुपये होगी, जबकि निजी अस्पतालों में इसकी कीमत 600 रुपये प्रति डोज होगी।
दाम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शनिवार को कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन का मूल्य शुरुआती कीमत के मुकाबले डेढ़ गुना तय करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शुरुआती कीमत अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करने की जरूरत है।
एसआईआई एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का विर्निमाण करती है। वह इस समय केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है। विपक्षी दलों ने कोविड-19 वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय करने की आलोचना करते हुए कहा था कि यह भेदभावपूर्ण है और इससे 'कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा' होगा, जबकि आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि केंद्र और राज्यों को एक कीमत पर वैक्सीन मिलनी चाहिए।