- स्वदेशी कोरोना टीका है कोवाक्सिन, इसके ट्रायल से जुड़े डाटा पर उठे हैं सवाल
- भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर इस टीके का निर्माण किया है
- तीसरे चरण के ट्रायल के डाटा से इसकी एफिकेसी के बारे में पता चल पाएगा
नई दिल्ली : हैदराबाद स्थित कोरोना टीका बनाने वाली दवा निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने कोवाक्सिन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल का डाटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंपा है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत बायोटेक से डाटा मिलने की पुष्टि की है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अधिकारी ने कहा, 'हम फेज 3 ट्रायल के डाटा मिले हैं।'
देश में लग रहे हैं कोरोना के 3 टीके
देश में चल रहे टीकाकरण अभियान में लोगों को कोरोना के जो तीन टीके लग रहे हैं। उनमें से एक टीका भारत बायोटेक का कोवाक्सिन है। कोवाक्सिन के तीसरे चरण के डाटा पर कई बार सवाल उठे हैं। ऐसे में भारत बायोटेक का ट्रायल से जुड़ा यह डाटा काफी अहम है क्योंकि इससे कोवाक्सिन की एफिकेसी के बारे में जानकारी हो पाएगी।
स्वदेशी टीका है कोवाक्सिन
भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन भारतीय चिकित्सा एवं अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर तैयार की है। इसे स्वदेशी टीका बताया जाता है। एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य पर नीति आयोग के सदस्य एवं कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि भारत बायोटेक अपने टीके के तीसरे चरण के ट्रायल से जुड़ा डाटा अगले सात से आठ दिनों में सौंपेगी।
कोवाक्सिन में सीरम के इस्तेमाल पर विवाद
कुछ दिनों पहले कोवाक्सिन के निर्माण में गाय के बछड़े का सीरम इस्तेमाल होने पर विवाद खड़ा हो गया। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई दी कि अंतिम रूप से तैयार कोवाक्सिन में किसी तरह के जानवरों के सीरम (रक्त के अंश) का इस्तेमाल नहीं होता है। मंत्रालय ने कहा है कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल केवल वीरो सेल्स के विकास एवं उसकी तैयारी में किया जाता है। वीरो सेल्स के विकास में दुनिया भर में अलग-अलग जानवरों के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है।