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Bihar Polls 2020: बिहार में फैलेगी वंशवाद की बेल!, टिकट पाने की दौड़ में नेताओं के 'लाल'

Bihar Assembly Elections 2020
Updated Sep 28, 2020 | 13:16 IST

Bihar Assembly Elections 2020: बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है। अब पार्टियों में टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गयी है। बिहार चुनाव में राजीतिक वंशवाद की इस छुआछूत से कोई भी पार्टी अछूती नहीं है।

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Bihar Assembly Elections 2020Bihar Assembly Elections 2020
बिहार विधानसभा चुनाव 2020
मुख्य बातें
  • बिहार में तीन चरणों में होंगे चुनाव, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे
  • कोरोना संकट के मद्देनजर चुनाव आयोग ने विशेष उपाय किए
  • राज्य में एनडीए और महागठबंधन के बीच है चुनावी मुकाबला

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं के बेटे-बेटियों ने टिकट पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की कमान पहले से ही लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव और राम विलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के हाथों में है। इनके अलावा सभी पार्टियों में ऐसे नेता हैं जो अपने बेटे-बेटियों के लिए कतार में लगे हैं। बिहार चुनाव में राजीतिक वंशवाद की इस छुआछूत से कोई भी पार्टी अछूती नहीं है। सभी को अपनों के लिए टिकट चाहिए।

पार्टियों में वंशवाद की परंपरा ने यदि जोर पकड़ी तो उन्हें सीट बंटवारे में समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने में तीन दिन ही बचा है और ज्यादातर राजनीतिक दल अपने सीट बंटवारे को लेकर अभी किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाए हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कई नेताओं के बेटे-बेटियों ने अपनी चुनावी किस्मत आजमाई थी लेकिन सभी को जीत नहीं मिली। इस विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग करने वाले नेताओं के पारिवारिक सदस्यों की सूची बड़ी हो सकती है। सभी दलों में ऐसे नेता हैं जो अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट पाना चाहते हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा अपने बेटे माधव झा के लिए दरभंगा की बेनीपुर सीट से टिकट चाहते हैं। मदन मोहन झा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिवंगत नगेंद्र झा के बेटे हैं।

जगानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह आजमा सकते हैं किस्मत

राजद के बिहार इकाई के प्रमुख जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह रामगढ़ सीट से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। सुधाकर 2010 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। जगदानंद चाहते हैं कि सुधाकर इस बार राजद के टिकट पर चुनाव लड़ें। वह कथित रूप से लालू यादव से भी मिले हैं। बताया जाता है कि जेडी-यू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी अपने बेटे को सोनू सिंह को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। सोनू कहां से चुनाव लड़ेंगे इस बारे में अभी तय नहीं है।

चंद्रिका राय भी लड़ सकते हैं चुनाव

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के पुत्र चंद्रिका राय जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। चर्चा है कि उन्हें परसा सीट से एक बार फिर टिकट मिल सकता है। इस सीट पर वह चार बार चुनाव जीत चुके हैं। केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शास्वत और भाजपा नेता राम कृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु भी टिकट पाने की दौड़ में हैं।

छेदी पासवान चाहते हैं बेटे के लिए टिकट!

अटकलें यह भी है कि सासाराम से भाजपा सांसद छेदी पासवान अपने बेटे रविशंकर पासवान के लिए टिकट चाहते हैं। भाजपा के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि पार्टी के कुछ सांसद एवं विधायक अपने परिवार के लोगों के लिए टिकट पाना चाहते हैं लेकिन भाजपा में नेता पुत्र या पुत्री होना टिकट पाने की गारंटी नहीं है।  

अपनों के लिए टिकटों की उम्मीदें!

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह के बेटे आकाश कुमार सिंह, कांग्रेस के पूर्व विधायक विजय शंकर दुबे के पुत्र सत्यम, कांग्रेस नेता दिवंगत राम देव राय के बेटे शिव प्रकाश गरीब दास टिकट पाना चाहते हैं। कांग्रेस नेता सदानंद सिंह अपने बेटे सुभानंद, बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक कुमार अपने बेटे अतिरेक कुमार के लिए टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

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