- बिहार विधानसभा के लिए तीन चरणों में होना है मतदान
- पीएम मोदी की तीन रैलियों में खूब उमड़ी थी भीड़
- आंकड़े बताते हैं कि पीएम मोदी की रैलियों में उमड़ने वाली भीड़ बदल देती है हवा
पटना: बिहार के लगभग सभी चुनावी सर्वे का मानना है कि एनडीए सत्ता में वापस आ रही है लेकिन उन्हीं सर्वे में एक स्पष्ट नाराजगी भी दिखाई दे रहा है और वो नाराजगी है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ। नाराजगी एनडीए के खिलाफ नहीं है , नाराजगी बीजेपी के खिलाफ नहीं है और तो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नाराजगी तो बिलकुल ही नहीं है। तो सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार के खिलाफ नाराजगी को अपनी रैलिओं के द्वारा ख़तम कर देंगे ? इस प्रश्न के उत्तर को जानने के लिए कुछ आंकड़ों को देखना जरूरी होगा ।
पहला आंकड़ा, लोक सभा चुनाव 2014
गठबंधन | सीट | वोट % |
एनडीए | 31 | 39.4 |
यूपीए | 7 | 30.3 |
जेडीयू | 2 | 16.0 |
अन्य | 0 | 14.3 |
कुल | 40 | 100 |
2014 के लोक सभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने 40 सीट में से 31 सीट जीता था और खास बात ये है उस समय के एनडीए में जेडयू शामिल नहीं था। जेडयू को सिर्फ 2 सीटें और यूपीए को 7 सीटें मिली थीं। वोट प्रतिशत के मामले में भी एनडीए को सबसे जयादा यानि 39.4%, दूसरे स्थान पर यूपीए 30.3% और जेडयू को सिर्फ 16.0% वोट मिले थे। एक तरफ मोदी , दूसरी तरफ लालू और तीसरी तरफ नीतीश और छक्का मारा किसने - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने।
दूसरा आकड़ा , विधान सभा चुनाव 2015
गठबंधन | सीट | वोट % |
एनडीए | 58 | 34.1 |
यूपीए | 178 | 41.9 |
अन्य | 7 | 24.0 |
कुल | 243 | 100 |
2015 बिहार विधान सभा चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला था क्योंकि चुनावी गठबंधन का स्वरूप अलग तरह का बना था जिसमें आरजेडी और जेडीयू का महा गठबंधन और दूसरी तरफ एनडीए जिसमें बीजेपी शामिल था । महागठबंधन की भारी जीत हुई लेकिन वो जीत 17 महीने से आगे नहीं बढ़ सका । और अंततः नीतीश कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो गए । लेकिन एनडीए की हार ने बीजेपी के लिए एक अहम सवाल जरूर खड़ा किया क्योंकि 2014 लोक सभा की जीत ने बीजेपी को एक भरोसा दिया था कि बीजेपी सत्ता में आ सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं
तीसरा आंकड़ा, लोक सभा चुनाव 2019
गठबंधन | सीट | वोट % |
एनडीए | 39 | 54.4 |
यूपीए | 1 | 31.4 |
अन्य | 0 | 14.2 |
कुल | 40 | 100 |
2019 लोक सभा चुनाव में बिहार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को 40 में से 39 सीटें झोली में डाल दिया । 50.4 फीसदी वोट एनडीए को मिला और दूसरी तरफ यूपीए को सिर्फ एक सीट मिला । आरजेडी अपना खाता तक नहीं खोल पायी ।
चौथा आंकड़ा, टाइम्स नाऊ सी -वोटर पोल ट्रैकर
टाइम्स नाऊ सी -वोटर पोल ट्रैकर (OCT 20, 2020)
आप इस समय प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन का मूल्यांकन कैसे करेंगे?
अच्छा 51.6%
औसत 18.3%
खराब 30.0%
आंकड़े बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता अभी भी अपने चरम पर है और यही लोकप्रियता एनडीए को बिहार में एडवांटेज देता है ।
क्या पीएम मोदी अपने 12 रैलिओं के द्वारा बिहार के चुनावी हवा को बदल देंगे ?
23 अक्टूबर: सासाराम, गया और भागलपुर
28 अक्टूबर: दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना
1 नवंबर: छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर
3 नवंबर: पश्चिमी चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज
कुल मिलाकर सभी आंकड़े यही बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपना एक मोदी मैजिक है और उसी मैजिक की वजह से एनडीए ने बिहार में पीएम मोदी के 12 चुनावी रैली का आयोजन किया है । वैसे सारे चुनाव सर्वेक्षण एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है । हाँ नीतीश कुमार के खिलाफ एंटी इंकमबंसी जरूर है और इस फेक्टर को काटने के लिए एनडीए के पास पीएम मोदी रूपी ब्रहाअस्त्र है जिसे एनडीए खुले रूप में प्रयोग कर रही है । आखिर में यही कहा जा सकता है कि असली परिणाम किसके पक्ष में जाएगा इसके लिए हमें इंतज़ार करना होगा नवम्बर 10 का जब हमें पता चलेगा कि बिहार को किसने जीता – एनडीए या यूपीए ।