- बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह के दौरान का है यह पूरा वाकया
- PM से बोले यादव- दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को मिले भारत रत्न सम्मान
- संक्षिप्त संबोधन में यह भी कहा- विधायी कामकाज के अध्ययन को खुले स्कूल
बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की वजह से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की किरकिरी हुई है। दरअसल, सूबे में एक कार्यक्रम के दौरान बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी अपना लिखा हुआ भाषण भी ढंग से (धारा प्रवाह) नहीं पढ़ पाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वह कागज देखते हुए बीच में कई दफा अटके।
पूरे मसले से जुड़ा वीडियो भी मीडिया चैनलों और सोशल प्लैटफॉर्म्स पर सामने आया है, जिसे लेकर उन्हें घेरा गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी इसे मुद्दा बनाया और तेजस्वी के साथ राजद पर जुबानी निशाना साधा।
यह पूरा मामला मंगलवार (12 जुलाई, 2022) का है। यादव इस दौरान सूबे की राजधानी पटना में थे। बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह में अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान उन्हें धारा प्रवाह बोलने में दिक्कत हुई थी।
कार्यक्रम के दौरान राजद नेता ने पीएम से गुजारिश की कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह आग्रह भी किया कि बिहार में विधायी कामकाज के अध्ययन के लिए एक स्कूल खोला जाना चाहिए, जहां वैशाली में ‘‘दुनिया का सबसे पुराना गणराज्य रहा है’’।
वजन को लेकर PM ने लालू के लाल को दी सलाह?
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया कि कार्यक्रम के बाद पीएम ने यादव को वजन कम करने की सलाह भी दी। रोचक बात है कि इस इवेंट की रनिंग थीम हेल्थ (स्वास्थ्य) थी। हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
बता दें कि 71 साल के होकर भी पीएम मोदी खासा एक्टिव रहते हैं। वह योग के साथ दैनिक दिनचर्या का खासा ख्याल रखते हैं। बीच-बीच में सोशल मीडिया पर अपने रूटीन से जुड़ी वीडियो भी जारी करते रहे हैं। वहीं, लालू के छोटे लाल 32 साल के हैं। राजद नेता सियासत के सूरमा बनने से पहले प्रोफश्नल क्रिकेटर रहे हैं।