पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित बीजेपी नेता नवीन जिंदल की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने जमकर हिंसा की। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की। दो दर्जन लोग घायल हो गए और अब तक तीन लोगों की मौत भी हो गई। इस हिंसा में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन भी फंस गए थे। उन्होंने टाइम्स नाउ नवभारत ने आंखों देखा हाल बताया। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी के पीछे धीरे-धीरे भीड़ इकट्ठा होती गई। वे जिस तरह से शब्दों का प्रयोग कर रहे थे वह अपने आप में अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना में एक ही स्थान से एक ही तरह की लोग निकलते हैं तो इससे पता चलता है कि यह सुनियोजित घटना थी। मंत्री नवीन ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे लोगों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उपद्रवियों ने उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया था। उपद्रवियों ने ईंट-पत्थर फेंके थे, जिससे उनकी कार के शीशे टूट गए।
रांची हिंसा में घायल एक और शख्स ने तोड़ा दम है। अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है। 11 पुलिसवाले घायल हुए हैं। शहर में कर्फ्यू जारी, इंटरनेट सेवा कल तक के लिए बंद है। उधर पुलिस ने बताया कि हिंसा में लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव का माहौल है, जिसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राजधानी में बड़े पैमाने पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की गई है।
रांची में हुई हिंसा की राज्यपाल रमेश बैस ने निंदा की है। उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी साजिश का हिस्सा न बनें और शांति व्यवस्था बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में हुई हिंसा को राज्य सरकार की विफलता करार दिया।