- बिहार में फ्लोर टेस्ट से ऐन पहले सुबह सीबीआई के छापे
- पूर्व CM यादव के चार नजदीकियों पर कसा गया शिकंजा
- यह BJP की छापेमारी, हम बिहारी डरेंगे नहीं- बोले मनोज झा
CBI Raids against RJD Leaders in Bihar before Floor Test: बिहार में बहुमत परीक्षण से ऐन पहले बुधवार (24 अगस्त, 2022) सुबह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संरक्षक लालू प्रसाद यादव के करीबियों के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हुआ। लैंड फॉर जॉब स्कैम केस (Land for Job Scam Case) में उनकी पार्टी के चार नेताओं के घर रेड डाली गई। राजद एमएलसी सुनील सिंह (तेजस्वी के बेहद नजदीकी) के घर सवेरे देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का छापा पड़ा। वह इस दौरान घर से कार्रवाई का विरोध जताने लगे।
...जब आपा खो बैठीं MLC की धर्मपत्नी
इस बीच, सिंह के घर की बाल्कनी से उनकी पत्नी चिल्लाने लगीं। पत्रकारों के सामने रेड का विरोध किया और भड़क कर कार्रवाई के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया। बोलीं कि सीबीआई दस्ते को घर में कुछ भी नहीं मिलेगा। उन्हें सिर्फ शून्य (0) हासिल होगा। हालांकि, उन्हें इस दौरान एक लड़के ने समझाने और अंदर बुलाने का प्रयास किया, पर उनका गुस्सा मानो सातवें आसमान पर था। वह वहीं से चीखने लगीं कि घर में कुछ नहीं मिलेगा।देखिए, कैसे सिंह की पत्नी ऊपर से गुस्सा होने लगी थीं:
विधायत, MP और पूर्व MLA के यहां भी छापा
छापेमारी के दौरान वहां पर सीआरपीएफ के जवान भी तैनात किए गए थे। इस बीच, राजद विधायक सुनील सिंह के यहां जब रेड हुई तो वह घर के बाहर सड़क पर ही बैठकर धरना देने लगे। बोले कि उन्हें यह बदनाम करने की साजिश है। वहीं, राजद के पूर्व विधायक सुबोध राय के घर पर भी सीबीआई की रेड हुई, जबकि पार्टी सांसद अशफाक करीम के ठिकानों पर भी केंद्रीय एजेंसी ने रेड डाली।
घोटाले में और किनके-किनके हैं नाम?
इससे पहले, लालू के करीबी भोला यादव गिरफ्तार किए जा चुके हैं। दरअसल, सीबीआई ने यह कार्रवाई लैंड फॉर जॉब स्कैम केस (रेलवे भर्ती घोटाले) में की। इस घोटाले में लालू यादव, भोला यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और सुनील सिंह आदि के नाम हैं।
फ्लोर टेस्ट को लेकर प्लान किया गया एक्शन- JDU
जेडी(यू) प्रवक्ता राजीव रंजन ने टाइम्स नाउ नवभारत को बताया- देखिए, देश में आज इमरजेंसी से बदतर हालात होते जा रहे हैं। यह कार्रवाई कहीं न कहीं फ्लोर टेस्ट को लेकर प्लान की गई। टाइमिंग देखिए, बहुमत परीक्षण होना है और अलग-अलग जगह राजद नेताओं के यहां एक्शन हो गया। क्या सच है और क्या झूठ है, यह तो बाद में पता चलेगा, पर यह पूरी लड़ाई परसेप्शन की है। भाजपा ने नैतिकता के सारे मानदंड ध्वस्त कर दिए हैं। सुनें, आगे और क्या बोले नीतीश की पार्टी के नेता:
बिहार विधानसभाः विशेष सत्र में हंगामे के आसार
उधर, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की ओर से उनके खिलाफ सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों के अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद इस्तीफा देने से इन्कार करने के बीच प्रदेश में नवगठित सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए बुधवार को बुलाए गए सदन के विशेष सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़कर सात पार्टी के महागठबंधन के साथ मिलकर 10 अगस्त को प्रदेश में नई सरकार बना ली।
नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 50 विधायकों ने सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। बिहार विधानसभा के बुधवार को आयोजित होने वाले विशेष सत्र के दौरान नई महागठबंधन सरकार शक्ति प्रदर्शन करेगी। महागठबंधन के पास बहुमत के आंकड़े (122) से अधिक यानी 164 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 76 विधायक हैं।