- बीरभूम हिंसा मामले में सीबीआई ने मामले दर्ज किए,आज से शुरू होगी जांच
- इस हिंसा में करीब 10 लोगों की हो गई थी मौत
- बीरभूम हिंसा मामले में टीएमसी नेता की हो चुकी है गिरफ्तारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट हिंसा मामले में शुक्रवार को ममता सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोलकाता हाईकोर्ट ने हिंसा मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश जारी किया है। आदेश आने के बाद आज CBI टीम मौके पर पहुंच कर अपनी जांच शुरू कर सकती है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बीरभूम जिले में आठ लोगों की हत्या की जांच की जिम्मेदारी संभालने के बाद इस घटना के सिलसिले में शुक्रवार को मामले दर्ज किए। हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी संभालने का निर्देश दिये जाने के शीघ्र बाद सीबीआई ने यह कदम उठाया।
सीएसएफएल ने एकत्र किए साक्ष्य
इससे पहले दिन में, सीबीआई की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएसएफएल) इकाई ने साक्ष्य एकत्र करने के लिए वारदात स्थल का दौरा किया। सीएफएसएल टीम के एक सदस्य ने कहा, ‘हम अभी ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। हम यहां अपनी जांच के तहत नमूने लेने आए हैं।’ कोलकाता हाईकोर्ट ने बीरभूम हिंसा की सुनवाई करते हुए कहा कि सबूत और घटना का असर बताता है कि राज्य पुलिस इसकी जांच नहीं कर सकती इसलिए सीबीआई इसकी जांच करेगी।हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि CBI 7 अप्रैल तक अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट कोर्ट में फाइल करेगी। यहां 21 मार्च को बदमाशों ने 10 घरों में आग लगा दी थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई।
बीरभूम हिंसा मामले में ममता सरकार को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश
राज्यपाल का पलटवार
वहीं सीबीआई जांच का आदेश आने के बाद ममता सरकार ने SIT जांच रोक दी है अब SIT अपनी जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंप देगी। वहीं ममता सरकार के जरिए राज्यपाल धनखड़ पर हिंसा को लेकर सियासी बयानबाजी करने का आरोप पर धनखड़ ने पलटवार किया है। राज्यपाल धनखड़ ने कहा मेरे खिलाफ टकराव पैदा करने का एक नरेटिव बनाया जा रहा है केंद्र और राज्य सरकार के इशारे पर अगर मुझे काम करना होगा तो मैं अपनी कुर्सी त्याग दूंगा। धनखड़ ने ये भी कहा कि मैं सहयोग के लिए तैयार हूं लेकिन ताली एक हाथ से नहीं बजती।
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