- शिवपाल यादव अपने को समाजवादी पार्टी में उपेक्षित महसूस करने लगे हैं
- शिवपाल की सीएम योगी से मुलाकात ने भी लोगों को ध्यान खींचा
- कयास हैं कि शिवपाल को बीजेपी अपने खेमे में लाकर डिप्टी स्पीकर बना सकती है
Shivpal Yadav vs akhilesh yadav: उत्तर प्रदेश की सियासत की कहानी भी अजब है इसपर काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में खासी मेहनत की लेकिन सत्ता बीजेपी के हाथों से नहीं छीन पाए, हालांकि इस दौरान अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच के संबध चुनाव से पहले सही होते दिखे।
मगर हकीकत में ऐसा नहीं था और चुनाव बाद ये सामने भी आ गया और शिवपाल यादव अपने को समाजवादी पार्टी में उपेक्षित महसूस करने लगे और उनका आरोप है कि अखिलेश उन्हें वो तवज्जो नहीं दे रहे जिसके वो हकदार हैं।
हनुमान, शकुनि, रामायण और महाभारत का जिक्र कर नाराज शिवपाल ने अखिलेश पर निकाली भड़ास
वहीं इस बीच शिवपाल की सीएम योगी से मुलाकात ने भी लोगों को ध्यान खींचा और कयास लगाए जाने लगे कि शिवपाल यादव बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं, इसी चर्चा को आगे बढ़ाते अब सियासी हलकों में ये खबरें तैर रही है कि शिवपाल यादव को बीजेपी अपने खेमे में लाकर डिप्टी स्पीकर बना सकती है, हालांकि ये अभी महज कयास ही है।
ऐसा करके बीजेपी अखिलेश यादव को असहज करना चाहती है
कहा जा रहा है कि बीजेपी पार्टी अखिलेश से नाराज चल रहे शिवपाल यादव को अपने खेमे में लेकर उन्हें विधान सभा उपाध्यक्ष बना सकती है यदि ऐसा होता है तो शिवपाल सदन में अपने भतीजे और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के नजदीक ही बैठेंगे, ऐसा इसलिए चूंकि विधान सभा उपाध्यक्ष की सीट सदन में ठीक नेता प्रतिपक्ष के बगल में ही होती है, ऐसा करके बीजेपी अखिलेश यादव को असहज करना चाहती है।
शिवपाल यादव का कद है बड़ा
गौर हो कि शिवपाल यादव छह बार के विधायक हैं और अखिलेश के साथ उनका मनमुटाव जगजाहिर है, ऐसे में चाचा अपने लिए नई सियासी जमीन तलाशने के लिए बीजेपी की ओर झुक रहे हैं, शिवपाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं।
शिवपाल ने PM मोदी, CM योगी और डिप्टी सीएम को किया फॉलो
शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्विटर पर फॉलो कर लिया है। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को भी फॉलो किया है। उनके इस कदम ने एक बार चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। इससे पहले शिवपाल सिंह यादव प्रधानमंत्री और सीएमओ को ही फॉलो करते थे। शिपवाल सिंह यादव अब इन नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर फॉलो कर रहे हैं।यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी बढ़ती खटास के कारण ही उन्होंने अपनी नई पार्टी बना ली। अब 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद वह फिर नई राह पर हैं।