टाइम्स नाउ नवभारत के डिबेट शो राष्ट्रवाद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस को जमकर घेरा। मंगलवार (छह सितंबर, 2022) को हुई इस परिचर्चा में उन्होंने दिल्ली में पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी और विपक्ष को जुटाने के बिहार सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों के मद्देनजर मुख्य विपक्षी पार्टी के पैनलिस्ट को आड़े हाथ लिया और कहा कि ये तो कांग्रेस के होकर कुमार को अपना नेता बता रहे हैं। उन्होंने इस दौरान दावा किया कि राहुल खत्म हो चुके हैं। उनमें दम नहीं है। भाटिया आगे तंज कसते हुए बोले- कांग्रेस पार्टी इतने अंडे दे चुकी है, जितने कि मुर्गी भी नहीं देती है।
भाटिया एंकर के प्रश्न पर बोले, "मैं तो कांग्रेस प्रवक्ता को सुनते हुए अचंभित रह गया। ऐसा इसलिए, क्योंकि सपना देखने का हक तो सबको है, पर ये सब मुंगेरी लाल हैं। कुर्सी एक सपने अनेक। पर यहां कांग्रेसी प्रवक्ता नीतीश कुमार का गुणगान कर रहा है। वह यह नहीं कह रहा कि राहुल गांधी बड़े नेता हैं, जिनकी छतरी के नीचे के टूटी-फूटी नावें हैं। वह नीतीश को नेता बता रहा है।"
बकौल बीजेपी प्रवक्ता, "सत्य क्या है, इन्होंने कहा गांधी की विचारधारा...मैंने बापू की बहुत सारी किताबें पढ़ीं, पर उन्होंने कहीं नहीं कहा कि नेशनल हेराल्ड घोटाला करो। 2000 करोड़ रुपए अंदर कर लो। उन्होंने तो कभी नहीं कहा कि 24 साल तक गांधी परिवार का ही अध्यक्ष रहेगा।"
वह आगे बोले- कांग्रेस को कोई गंभीरता नहीं लेता। 2014 और 2019 में इनका सूपड़ा साफ हुआ। यूपी के चुनाव में दो सीटें (403 में) आईं। बंगाल में लेफ्ट के साथ समझौता किया, पर एक सीट आई। इतने तो अंडे मुर्गी नहीं देती है, जितने कि कांग्रेस ने दे दिए। 2014 और 2019 के आम चुनाव में दिल्ली में खाता भी न खुल सका। 2015 और 2020 में विस में एक भी सीट न मिली।"
उनके मुताबिक, आज इनके लिए शरद पवार कहते हैं कि राहुल गांधी अपरिपक्व हैं। ममता बनर्जी उन्हें बच्चा बताती हैं। अब आप बता दीजिए, जिन नेताओं के साथ ये गठबंधन कर रहे हैं...वे लोग जब ऐसे बयान देंगे तब भी ये एकजुट हो जाएं तो यह सराहनीय है। देखें, वाकये से जुड़ा वीडियोः
भाटिया ने चर्चा के दौरान यह भी कहा- यह गठबंधन नहीं बल्कि "घटबंधन" है। आगे उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भस्मासुर करार दिया। कहा कि उनमें दम नहीं हैं। वह फिनिश (खत्म) हो गए हैं, जबकि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना सीएम केसीआर के अपने सपने हैं। ऐसे में विपक्ष का चेहरा साफ नहीं है।