पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने झारग्राम में कहा कि टीएमसी मां माटी मानुष की पार्टी है। यह बीजेपी की पार्टी नहीं है जो देश में 'तुगलकी राज' चला रही है, वे एक केंद्रीय एजेंसी के जरिए 'तुगलकी कांड' चला रहे हैं। किसी को आजादी का अधिकार नहीं है। बीजेपी ने सारे अधिकार खत्म कर दिए। ममता बनर्जी ने एसएससी नियुक्तियों में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच गुरुवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर राजनीतिक हिसाब-किताब तय करने के लिए संघीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। ममता ने यह भी दावा किया कि राज्य में पूर्ववर्ती वाम मोर्चा शासन के दौरान सरकारी भर्ती में कई विसंगतियां थीं, जिसका डिटेल वह जल्द ही प्रकट करेंगी।
बीजेपी देश में तुगलकी शासन चला रही है (दिल्ली के 14वीं शताब्दी के मुस्लिम शासक मुहम्मद-बिन-तुगलक का जिक्र करते हुए) और देश को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। वे केंद्रीय एजेंसियों को नियंत्रित कर रहे हैं और उनका इस्तेमाल राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती में विसंगतियों के बारे में बहुत सी बातें कही जा रही हैं। अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो कानून अपना काम करेगा। लेकिन, यह बदनामी का अभियान बंद होना चाहिए। लेफ्ट शासन के दौरान, कागज के टुकड़ों में नाम लिखकर नौकरियां दी गईं। मैं जल्द ही अनियमितताओं का खुलासा करूंगी।
गौर हो कि सीबीआई ने टीएमसी शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी और उनकी बेटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। हाईकोर्ट ने उन्हें आज की दोपहर 3 बजे की समय सीमा दी थी। एचसी ने निर्देश दिया था कि अगर वह आदेश का पालन नहीं करते हैं तो सीबीआई को आगे बढ़कर एफआईआर दर्ज करना चाहिए। यह कथित एसएससी भर्ती अनियमितताओं के संबंध में है। प्राथमिकी में 420, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। इसी जांच में वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी कल पेश हुए थे।
पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी से बुधवार शाम को सीबीआई ने सरकारी स्कूलों की नियुक्तियों में अनियमितताओं के संबंध में तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की, जो राज्य में एक बड़े विवाद में बदल गया है। चटर्जी कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश के मद्देनजर सीबीआई के अधिकारियों के सामने पेश हुए, जिसने भर्ती प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं को सार्वजनिक घोटाला करार दिया।