- उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी से निष्कासित विधायक सेंगर को दोषी करार दिया
- विधायक सेंगर पर 2017 में लगा था रेप का आरोप, सेंगर को 2018 में हिरासत में लिया
- 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक ट्रक ने रेप पीड़िता की कार को मारी थी टक्कर
नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को 2017 के उन्नाव अपहरण और बलात्कार मामले में फैसला सुना दिया है। इस मामले में अदालत ने एक अन्य आरोपी शशि सिंह को सभी आरोपों से बरी किया है। अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे।
सेंगर ने 2017 में एक युवती का अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था।
क्या था मामला
रेप पीड़िता ने सेंगर पर जून 2017 में रेप करने का आरोप लगाया। उस वक्त पीड़िता का केस दर्ज नहीं हुआ। पीड़िता के पिता पर सेंगर के परिवार की ओर से मुकदमे दर्ज करवाए गए और पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी ले लिया। पुलिस हिरासत में उनकी मौत भी हो गई। परेशान होकर पीड़िता ने 2018 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास पर आत्मदाह की कोशिश भी की, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आया था। चौतरफा दबाव के बीच पुलिस ने अप्रैल 2018 में सेंगर को उन्नाव रेप केस में हिरासत में ले लिया था।
पीड़िता के साथ हुआ था सड़क हादसा
28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक ट्रक ने रेप पीड़िता की कार को जोरदार टक्कर मार दी थी जिसमें उनके दो परिजनों की मौत हो गई थी और पीड़िता तथा उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में मीडिया से बात करते हुए पीड़िता ने कहा, 'कार और ट्रक की भिडंत के जरिए कुलदीप सिंह सेंगर ने मुझे मारने की साजिश रची थी। इसमें किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए।'
कौन है कुलदीप सिंह सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर दल बदलने में माहिर हैं। कई दलों में रहने के बाद वह 2017 में भाजपा में आ गया। कुलदीप सिंह पहली बार 2002 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर उन्नाव सदर से विधायक बना। 2007 में उन्होंने पाला बदला और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया और बांगरमऊ से विधायक बना। 2012 में भी उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और भगवंत नगर विधानसभा से विधायक बना।
बीजेपी ने पार्टी से निकाला
इस मामले में काफी किरकिरी होने के बाद इसी साल अगस्त में भाजपा ने अपने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। सेंगर फिलहाल जेल में बद है। सेंगर पर रेप के साथ-साथ हत्या का भी मामला दर्ज है।