- रविवार दोपहर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 9 लोगों की मौत हुई
- हिंसा के कई वीडियो अब तक वायरल
- गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदने का आरोप
Lakhimpur video: लखीमपुर खीरी हिंसा का एक और वीडियो सामने आया है। ये वीडियो काफी वायरल हो गया है। विपक्षी नेताओं से लेकर हर कोई इसे शेयर करने में लगा हुआ है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि जीप ने जानबूझकर किसानों को कुचला है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि एक जीप किसानों को पीछे से टक्कर मारती हुई आगे निकल जाती है और फिर उसके बाद दूसरी गाड़ियां निकलती है। हालांकि TIMES NOW नवभारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
अब बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जानबूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा। पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करे।
प्रियंका गांधी लगातार हमलावर बनी हुई हैं। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने बगैर किसी ऑर्डर और FIR के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचल देने वाला ये व्यक्ति अब तक गिरफ़्तार नहीं हुआ। क्यों? आप सांसद सिंह ने भी इस वीडियो को शेयर किया। उन्होंने कहा कि कल सामने आया वीडियो झकझोर देने वाला है की किस तरह भाजपा के मंत्री की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा। आदित्यनाथ के न्याय का आलम देखिये की कैसे हत्यारे अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं और 30 घंटे से हम लोग सीतापुर के बिसवां में पुलिस हिरासत में हैं।
लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा ने 9 लोगों की जान ले ली। प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचल दिया, जिससे 4 किसानों की मौत हो गई। हालांकि मंत्री अजय मिश्रा का सच किसानों के सच से अलग है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री की अगवानी करने जा रही उनकी 3 गाड़ियों पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की। 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ उनके ड्राइवर को बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला। अजय मिश्रा का ये भी कहना है कि उनका बेटा आशीष घटनास्थल पर नहीं बल्कि बनवानीपुर में था, जिसका उनके पास सबूत भी है।