- इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले 1348 स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी की जा रही है
- केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोगों से ई-नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने की अपील की है
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट में जाएगी उपहारों की नीलामी से मिली राशि
नई दिल्ली : केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें मिले सभी उपहारों की नीलामी करने का फैसला किया गया है। इस ई-नीलामी से होने वाली आय नमामि गंगे परियोजना में लगाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री गंगा को देश के सांस्कृतिक गौरव और आस्था का प्रतीक बता चुके हैं।' 2 अक्टूबर को दिल्ली में राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा पहुंचे रेड्डी ने प्रधानमंत्री को मिले विभिन्न उपहारों का निरीक्षण किया और ई-नीलामी की प्रगति की समीक्षा की।
केंद्रीय मंत्री ने कैनवास पर उकेरी हात्मा गांधी के चश्मे की तस्वीर
महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के मौके पर रेड्डी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कैनवास पर महात्मा गांधी के चश्मे का चित्र बनाया। इसके कैप्शन में 'स्वच्छता' लिखा है।
पीएम मोदी के उपहारों की ई-नीलामी का यह तीसरा दौर है। इसे 17 सितंबर से 7 अक्टूबर 2021 तक वेब पोर्टल https://pmmementos.gov.in के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष 1348 स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी की जा रही है। स्मृति चिन्हों में टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों और टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों के विजेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को उपहार में दिए गए खेल उपकरण भी शामिल हैं।
लोगों से ई-नीलामी में भाग लेने की अपील की
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग देश की जीवन रेखा के संरक्षण में योगदान देने की भावना रखते हैं। वे 'नमामि गंगे' अभियान में योगदान देने के लिए ई-नीलामी के माध्यम से भाग ले सकते हैं। श्री रेड्डी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने अक्सर गंगा को देश के सांस्कृतिक गौरव और आस्था का प्रतीक बताया है। उत्तराखंड के गौमुख में नदी के उद्गम स्थल से लेकर पश्चिम बंगाल में समुद्र में मिल जाने तक, यह शक्तिशाली नदी देश की आधी आबादी के जीवन को समृद्ध बनाती है।' इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री के साथ संस्कृति सचिव गोविंद मोहन, महानिदेशक एनजीएमए अद्वैत गडनायक और मंत्रालय तथा एनजीएमए के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।