मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को जब राष्ट्रपति शासन लगाया गया तो विपक्ष द्वारा इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए गए। कांग्रेस ने कहा कि जब एनसीपी को राज्यपाल ने मंगलवार शाम 8:30 बजे तक सरकार बनाने का दावा करने का समय दिया था तो उससे पहले ही क्यों राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। अब इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है।
अमित शाह ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन लगाने पर विपक्ष कोरी राजनीति कर रहा है। मेरे हिसाब से राज्यपाल जी ने कहीं भी संविधान को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश नहीं की। लगभग 11:30 से 12 बजे के बीच में एनसीपी ने पत्र लिखकर अपनी असमर्थता जता दी थी कि शाम 8:30 बजे तक हम सरकार नहीं बना सकते। उसके बाद में 8:30 बजे तक रुकने की क्या जरूरत थी।'
जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रपति शासन लगाने की इतनी जल्दी क्या थी तो उन्होंने कहा, 'यहां जल्दी नहीं की गई है, 18 दिन का समय दिया है। किसी ने दावा नहीं किया। अगर किसी के पास नंबर है तो वो कभी भी राज्यपाल के पास जा सकता है। 9 तारीख को विधानसभा के 5 साल हो गए, तो राज्यपाल को एक्शन लेना था। उन्होंने हर पार्टी से पूछा। सबको समय दिया है। आज भी किसी के पास संख्या है तो वो राज्यपाल के पास जाएं। मौका ना देना का सवाल ही नहीं है। वो 2 दिन मांग रहे थे, हमने 6 महीने दे दिया।'
मंगलवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की निंदा की और कहा, 'जिस तरह से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई, मैं इसकी निंदा करता हूं। इस सरकार ने पिछले 5 वर्षों में कई अवसरों पर राष्ट्रपति शासन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।'
अहमद पटेल ने ये भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल से निमंत्रण मिला। लेकिन कांग्रेस को निमंत्रण नहीं मिला। हम इसकी निंदा करते हैं।