- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता बनर्जी सरकार पर बोला तीखा हमला
- बंगाल में अगले साल होने हैं विस चुनाव, भाजपा का टीएमसी से है मुकाबला
- पिछले कुछ चुनावों में भाजपा का राज्य में तेजी से बढ़ा है जनाधार
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गुरुवार को तीखा हमला बोला। नड्डा ने ममता बनर्जी सरकार पर 'हिंदू विरोधी मानिसकता रखने एवं राज्य में राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा देने' का आरोप लगाया। भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि इस 'राजनीतिक हिंसा में' पार्टी के 100 से ज्यादा कार्यकर्ता अपनी जान गंवा चुके हैं। बता दें कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए भाजपा ने टीएमसी एवं ममता सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है।
पार्टी की नवगठित समिति को संबोधित किया
पार्टी की नवगठित राज्य समिति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, 'पांच अगस्त को जब पूरा देश अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन देख रहा था तो ममता बनर्जी ने उस दिन पश्चिम बंगाल में लॉक डाउन की घोषणा कर दी। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि स्थानीय स्तर पर लोग धार्मिक कार्यक्रमों का हिस्सा बनें। इसके ठीक विपरीत बकरीद के मौके पर लॉकडाउन हटा लिया गया। यह बताता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता एवं तुष्टिकरण की नीति से संचालित है।'
अगले साल राज्य में होने हैं विस चुनाव
अगले साल विधानसभा चुनाव का रोडमैप सामने रखते हुए भाजपा नेता ने कहा, 'साल 2011 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में 2 प्रतिशत वोट के साथ 4 सीटें मिलीं। साल 2014 में हमें दो सीटें मिलीं लेकिन वोट शेयर बढ़कर 18 प्रतिशत पर पहुंच गया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर बढ़कर 40 प्रतिशत पर पहुंच गया। हमें इसी गति से आगे बढ़ना और टीएमसी को हराना है।'
शांति निकेतन हंगामे का जिक्र किया
कुछ दिनों पहले विश्व भारती विश्वविद्यालय परिसर में हुए हंगामे का जिक्र करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने टीएमसी पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी की सरकार राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। यहां तक कि रवींद्र नाथ टैगोर की विरासत शांति निकेतन भी सुरक्षित नहीं है। नड्डा ने ममता पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केंद्र की योजनाओं का लाभ राज्य के लोगों तक नहीं पहुंचने दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ बंगाल के पात्र 4.57 करोड़ लोगों को नहीं मिल पाया है।