- श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना से करीब 6.19 लाख स्वयं सहायता समूह (SHG) जुड़े हुए हैं।
- इल्लैयाराजा ने हाल ही में एक किताब की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ भीमराव अंबेडकर में समानताओं का जिक्र किया था।
- तमिलनाडु की 20 फीसदी दलित आबादी पर भाजपा की नजर है।
BJP South Mission: करीब 18 साल बाद, जब भाजपा ने हैदराबाद में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (BJP National Executive) की बैठक (2-3 जुलाई) की तो तभी इस बात के संकेत मिल गए थे कि भाजपा ने मिशन दक्षिण भारत (BJP Mission South India)के लिए कमर कस ली है। और उसके संकेत बैठक के दो दिन बाद ही मिल गए हैं। जब केंद्र सरकार ने दक्षिण भारत के 4 राज्यों से 4 राज्य सभा सदस्यों को मनोनीत किया है। अहम बात यह है कि राज्य सभा के लिए मनोनीत होने वाले सदस्यों में से 3 सदस्य उन राज्यों से हैं, जहां अभी भाजपा बहुत मजबूत स्थिति में नही हैं। इसीलिए उसने अपनी पुरानी रणनीति के तहत खिलाड़ी, समाजसेवी, फिल्म से जुड़े लोगों पर दांव लगाया हैं। जिनके जरिए वह इन राज्यों के वोटरों तक अपनी पहुंच बना सके। मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार के अनुमोदन पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
किन दिग्गजों पर लगाया दांव
भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने अपने मजबूत किले कर्नाटक में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वीरेंद्र हेगड़े को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। हेगड़े कर्नाटक में श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना (Shri Kshethra Dharmasthala Rural Development Project) के प्रमोटर हैं। इसके जरिए करीब 6.19 लाख स्वयं सहायता समूह (SHG) जुड़े हुए हैं। और उसके 49 लाख से ज्यादा सदस्य हैं। और इसका कर्नाटक के तटीय इलाकों में काफी प्रभाव है। साथ ही जैन समुदाय पर भी अच्छा असर रखते हैं।
इसी तरह तमिलनाडु से प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। इल्लैयाराजा ने हाल ही में एक किताब की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ भीमराव अंबेडकर में समानताओं का जिक्र किया था। इलैयाराजा ने 'अंबेडकर एंड मोदी: रिफॉर्मर्स आइडियाज, परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन' किताब की प्रस्तावना लिखी है। जिस पर तमिलनाडु में सियासत गरमा गई थी। और सत्ताधारी दल डीएमके और कांग्रेस ने इलैयाराजा का विरोध किया। इलैयाराजा के जरिए राज्य में 20 फीसदी दलित आबादी पर भाजपा की नजर है। इसलिए डॉ अंबेडकर की तुलना ने सियासी बवाल खड़ा कर दिया। हालांकि इलैयाराजा ने विरोध के बावजूद किताब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी गई टिप्पणी को वापस लेने से इंकार कर दिया था। इलैयाराजा के भाई गंगई अमरन भाजपा के टिकट पर 2017 में चुनाव लड़ चुके हैं।
तमिलनाडु से सटे केरल से प्रसिद्ध एथलीट और कोच पी.टी.ऊषा को राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया है। पीटी ऊषा की साल 2021 में राज्य विधानसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल होने की अटकलें थी। वह भाजपा के करीब मानी जाती रही है। उन्होंने कृषि कानूनों पर न केवल सरकार का समर्थन किया था, बल्कि पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और पॉप सिंगर रिहाना की भारत पर की गई टिप्पणी की भी आलोचना की थी।
केरल ऐसा राज्य हैं जहां पर भाजपा अभी अपनी पकड़ नहीं बना पाई है। और 2021 के विधानसभा चुनाव में उसने मेट्रो मैन एस.श्रीधjन को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था। लेकिन उसका खाता भी नहीं खुला था।
तेलंगाना से आने वाले केवी विजयेंद्र प्रसाद तेलगु और हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध स्क्रीन राइटर हैं। और उनके बेटे बाहुबाली फिल्म के निर्देशक एस.एस.राजामौली हैं। प्रसाद ने हिंदी फिल्म बजरंगी भाई जान से लेकर कई फिल्मों के लिए कहानी लिखी है। राज्य में जिस तरह से तेलगु सिनेमा और राजनीति का कनेक्शन रहा है। ऐसे में प्रसाद के प्रशंसकों को देखते हुए भाजपा राज्य में अपनी पैठ बढ़ा सकती है। तेलगु सिनेमा से ही निकले एन.टी.रामाराव ने तेलगुदेशम पार्टी बनाई थी और वह तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने थे। उनके दामाद चंद्र बाबू नायडू के पास इस समय तेलगुदेशम पार्टी की कमान है। जाहिर है भाजपा प्रसाद के नाम पर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने की उम्मीद करेगी।
दक्षिण भारत की 129 सीटों पर नजर
राज्य | कुल लोक सभा सीट | 2019 में भाजपा का प्रदर्शन |
तेलंगाना | 17 | 4 |
आंध्र प्रदेश | 25 | 0 |
कर्नाटक | 28 | 25 |
तमिलनाडु | 39 | 0 |
केरल | 20 | 0 |
कर्नाटक से आगे नहीं बढ़ पाई है भाजपा
इस समय भाजपा और उसके सहयोगियों की देश के 18 राज्यों में सरकार है। इसमें से 12 राज्यों में उसके मुख्यमंत्री हैं। जबकि 6 राज्यों में उसके सहयोगियों के मुख्यमंत्री हैं। और केंद्र में उसके 300 से ज्यादा लोक सभा सांसद हैं। लेकिन जहां तक दक्षिण भारत की बात है तो वह अभी भी कर्नाटक से आगे नहीं बढ़ पाई है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में वह सत्ता में है लेकिन वह छोटे सहयोगी के रूप में है। उसके पास आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल से कोई भी लोक सभा सांसद नहीं है। जबकि इन तीन राज्यों में 84 सीटें आती हैं। इसी तरह तेलंगाना में उसे पहली बार 2019 के चुनाव में 4 लोक सभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी। ऐसे में अगर भाजपा को 2024 में केंद्र की तीसरी बार सत्ता हासिल करनी है तो उसके लिए दक्षिण भारत के कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल बेहद अहम होने वाले हैं। जहां पर लोक सभा की कुल 129 सीटें हैं। और इस समय उसके पास केवल 29 सीटें हैं। जिसमें कर्नाटक से अकेले 25 सीटें हैं। इसे देखते हुए दक्षिण मिशन की सफलता के लिए राज्य सभा के लिए इन 4 हस्तियों का नामित होना बेहद अहम हो सकता है।