नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम के सीनियर नेता हन्नान मुल्ला ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर मुसलमानों पर उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का उद्देश्य यूसीसी के जरिये देश में अल्पसंख्यकों को टारगेट करना है।
असम सीएम सरमा ने कल कहा था कि हर कोई यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) चाहता है। कोई भी मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति 3 अन्य पत्नियों को घर लाए। किसी भी मुस्लिम महिला से पूछिए। यूसीसी मेरा मुद्दा नहीं है, यह सभी मुस्लिम महिलाओं का मुद्दा है।
एएनआई से बात करते हुए, पश्चिम बंगाल के पूर्व सांसद हनान मुल्ला ने सरमा का जिक्र करते हुए कहा कि RSS-BJP के लोग देश का माहौल खराब करने के लिए ऐसी घृणित बातें कहता रहता है। उन्होंने कहा कि उन लोगों की संख्या की तुलना करें जिनकी एक से अधिक पत्नियां हैं। कई गैर-मुसलमानों की दो से अधिक पत्नियां हैं। लेकिन वे केवल मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि यह RSS-BJP की संयुक्त योजना है।
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) क्या है?
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) भारत में नागरिकों के पर्सनल लॉ को बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव है जो सभी नागरिकों पर समान रूप से उनके धर्म, लिंग, और यौन ओरिएंटेशन की परवाह किए बिना लागू होता है। वर्तमान में, विभिन्न समुदायों के पर्सनल लॉ उनके धार्मिक ग्रंथों द्वारा शासित होते हैं। यह संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आती है जो यह बताती है कि पूरे भारत में सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। गौर हो कि बीजेपी के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, बीजेपी ने सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का वादा किया था।