BJP alleges Priyanka Gandhi on sending detail of Unfit Buses: मजदूरों को सकुशल घर भेजने के लिए 1000 बसें भेजने के नाम पर अनफिट बसों की जानकारी देने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। भाजपा ने कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी पर मजदूरों की जान से खेलने का आरोप लगाया है। भाजपा का आरोप है कि एक तरफ कोरोना महामारी के दौरान मजबूर मजदूर दो वक्त की रोटी और अपने घर पहुंचने की आस में रो रहा है। तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी उन मजदूरों की मदद करने के बजाय अपनी राजनीति चमकाने में लगी हैं। इस कठिन संकट के समय में भी प्रियंका गांधी वाड्रा सियासत करने से बाज नहीं आ रही है।
भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एक हजार बसों की चलाने की अनुमति मांगी थी, खैर सरकार ने बिना देर किए अनुमति भी दे दी। सूची मिली तो पता चला कि जिन बसों से प्रियंका गांधी मजदूरों को उनके घर पहुंचाना चाहती थी असल में वो बसें नहीं बल्कि 'सड़क पर दौड़ती मौत' होती।
उन्होंने कहा- 'प्रियंका गांधी वाड्रा ने जिन बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी थी उनमें 79 बसें ऐसी थी जो सिर्फ हादसों को दावत देती। दावत इसलिए क्योंकि वो बसे पूरी तरह कंडम हो चुकी थी। जो कभी भी किसी भी हादसे का गवाह बन जाती। कांग्रेस पार्टी की 297 बसें या तो कंडम हो चुकी थी या फिर जिनका फिटनेस और बीमा समाप्त हो चुका था। मजे की बात तो यह है कि 100 बसों की डिटेल जब खंगाली गई तो उनमे एंबुलेंस, ट्रक, डीसीएम, थ्री व्हीलर ऑटो जैसे वाहन शामिल थे। यानि उनकी गिनती बसों में होती नहीं हैं। और तो और 70 बसों के बारे में सरकारी रिकॉर्ड ही नहीं है।'
भाजपा ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस पार्टी को मजदूरों की जिंदगी से प्यार नहीं है। सवाल ये भी है कि क्या इस तरह का भद्दा मजाक करके कांग्रेस पार्टी खुद को क्या साबित करना चाहती है और सवाल ये भी है कि अगर बसों को भेजने का इतना ही मन था तो उत्तर प्रदेश से पहले इन बसों को मुंबई भेज देती जहां मजदूरों पर लाठी चार्ज करने जैसी तस्वीरे नजर आ रही थी। लिहाजा प्रियंका गांधी वाड्रा को सत्ता के लालच से थोड़ा दूर हटकर उन हादसों को सोचना और देखना चाहिए था जो ऐसी ही कंडम बसों की वजह होते थे। लेकिन प्रियंका गांधी ने मजदूरों की जान से खिलवाड़ करने का जो माइक्रो प्लान बनाया था उसकी भी योगी सरकार ने पोल खोल दी।