- बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को हो रहा है समाप्त
- अक्टूबर-नवंबर के महीने में चुनाव संभावित, चुनाव संंबंधित गाइडलाइंस पहले ही जारी
- बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक दलों का पाला बदल कार्यक्रम शुरू
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अभी औपचारिक तारीखों के ऐलान का इंतजार है। लेकिन उससे पहले अब नए नए समीकरण सामने आ रहे हैं। सत्ताधारी दल एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने की नीति पर काम कर रहा है तो विपक्षी दल सत्ता छिनने की जुगत में हैं। इस बीच हिंदुस्तान आवाम मोर्चा महागठबंधन से अलग होकर एनडीए का हिस्सा बन चुका है।ऐसे में बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का बयान बेहद महत्वपूर्ण है। वो कहते हैं कि एनडीए को 2020 के चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें हासिल होंगी।
महागठबंधन डूबता जहाज
शाहनवाज हुसैन कहते हैं कि महागठबंधन एक डूबता हुआ जहाज है। अगर आप लोकसभा चुनाव को देखें तो महागठबंधन की महापराजय हुई। उस समय भी उनमें एका नहीं थी। कांग्रेस और आरजेडी में कोई नेता नहीं है। अब जीतन राम मांझी का उनसे अलग होना महागठबंधन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। वो यह भी कहते हैं कि अगर आप महागठबंधन को देखें तो अलग अलग विचार के लोगों एक जहाज में सवार हुए और जब एक दूसरे के हित टकराने लगे तो बयानबाजी करने लगे।
जीतनराम मांझी पहले भी एनडीए का रह चुके हैं हिस्सा
बता दें कि जीतनराम मांझी पहले एनडीए का ही हिस्सा थे। लेकिन 2018 में वो कुछ वैचारिक टकराव की वजह से एनडीए से अलग होकर महागठबंधन का दामन थाम लिया। बिहार में कुल 243 सीटों के लिए अक्टूबर या नवंबर में चुनाव संभावित है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।