- देहरादून में शाम साढ़े चार बजे बीजेपी विधायकों की मीटिंग
- बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी विधायक दल के नए नेता का करेंगे ऐलान
- पूर्व सीएम धामी सहित कई और चेहरे भी हैं सीएम की रेस में शामिल
Uttarakhand New Chief Minister Name: उत्तराखंड के नए सीएम की कमान पुष्कर सिंह धामी को मिलेगी या फिर कुर्सी किसी और के नाम होगी इसे लेकर तस्वीर आज साफ हो जाएगी। कल दिन भर दिल्ली में गहमागहमी के बाद आज देहरादून में भारी हलचल है। विधानसभा में विधायकों की शपथ के बाद शाम में बीजेपी विधायक दल की मीटिंग है जिसमें सेंट्रल ऑब्जर्वर राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी की मौजूदगी में नए सीएम का ऐलान होगा।
सांसद भी रहेंगे मौजूद
बड़ी बात ये कि मीटिंग में उत्तराखंड के सभी सांसद भी मौजूद रहेंगे। सवाल ये कि मीटिंग में सांसदों को बुलाने की वजह क्या है? क्या इस बार किसी सांसद को सीएम बनने का मौका मिलेगा? या फिर सिर्फ रायशुमारी के लिए उन्हें बुलाया गया है? इन सवालों के बीच नए सीएम पर सस्पेंस अब भी कायम है..हालांकि, उत्तराखंड के प्रभारी और बीजेपी महासचिव दुष्यंत गौतम ने नए मुख्यमंत्री को लेकर इशारों में बड़ी बात कह दी।
दिल्ली में हुई तीन बैठकें
इससे पहले रविवार को दिल्ली में कई बैठकें हुई। पहली मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह के घर हुई। दूसरी पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक के यहां और तीसरी प्रधानमंत्री निवास सात लोक कल्याण मार्ग पर। शाह के घर मीटिंग में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केयरटेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजय कुमार, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे। इसके बाद निशंक के आवास पर भी मीटिंग हुई जिसमें पुष्कर सिंह धामी, मदन कौशिक और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिरकत की जबकि प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे पी नड्डा और बीएल संतोष ने हिस्सा लिया।
नाराज हैं सतपाल महाराज
ख़बर थी कि सतपाल महाराज भी अमित शाह के घर हुई मीटिंग में शामिल थे लेकिन उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक ने साफ किया कि सतपाल ने अलग से शाह से मुलाकात की। ख़बर तो ये भी है कि सीएम की रेस में एक बार फिर पिछड़ने से सतपाल नाराज बताए जा रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड में बीजेपी के लिए उलझन की वजह है।विधानसभा चुनाव में सीएम धामी की हार..अगर वो जीत जाते, तब तो बिना किसी शक-शुबहे के उनकी ताजपोशी हो जाती..लेकिन मिथक के मुताबिक हर बार की तरह इस बार भी बतौर सीएम धामी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वैसे उत्तराखंड में अबकी बार वो मिथक टूटा भी है..जिसमें राज्य के गठन के बाद अबतक किसी सरकार ने वापसी नहीं की थी।
सीएम के नाम पर भले सस्पेंस हो लेकिन शपथ का मुहूर्त तय हो चुका है। नई सरकार 23 मार्च को शपथ लेगी क्योंकि उत्तराखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 24 मार्च तक है ऐसे में अब धामी ही सीएम बनेंगे या फिर किसी और का राजतिलक होगा आज शाम ढलने से पहले तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
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