बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की कमान संभालने वाले आईपीएस पंकज सिंह लगातार अलग-अलग फ्रंटियर पर जा रहे हैं। बीएसएफ महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालने के बाद आज पहली बार वो गुजरात फ्रंटियर के दौरे पर पहुंचे। इससे पहले वो कश्मीर फ्रंटियर भी गए थे। हाल ही में अन्तराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के निगरानी क्षेत्र में किए गए बदलाव के बाद ये दौरा और अहम हो जाता है।
गुजरात में भारत पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की तैनाती है। यहां पहुंचकर सीमा सुरक्षा बल में महानिदेशक पंकज सिंह ने गुजरात फ्रंटियर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा स्थितियों का जायजा लिया। उनके साथ इस दौरान वेस्टर्न कमांड बीएसएफ के एडीजी और गुजरात फ्रंटियर के आईजी जीएस मलिक मौजूद थे। महानिदेशक ने कई और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गहन बैठक कर रणनीतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। गुजरात फ्रंटियर की उच्च गुणवत्ता भरी तैयारियों और ट्रेनिंग पर सन्तुष्टि जाहिर की।
सामरिक रूप से अहम है गुजरात फ्रंटियर
नए आदेश से पहले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को गुजरात मे 80 किलोमीटर की सीमा तक कार्रवाई का अधिकार था, जो बाद में घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया था। हालांकि इस पर बीएसएफ ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि पूरे देश में अब 50 किलोमीटर तक के दायरे में निगरानी के अधिकार से एकरूपता आएगी।
सामरिक रूप से भी बीएसएफ की गुजरात फ्रंटियर बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के पश्चिमी तट पर बसे गुजरात राज्य के कच्छ जिले की सीमा पर पाकिस्तान है। 1965 में यहां भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था, जिसमें भारत को शानदार जीत मिली थी। देश की अखण्डता से जुड़े इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के जांबाज जवानों की है।