उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा के उपचुनावों के परिणामों पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों को रूलिंग पार्टी ही अधिकतर जीतती है, फिर भी आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बीएसपी ने सत्ताधारी भाजपा व सपा के हथकण्डों के बावजूद जो काँटे की टक्कर दी है वह सराहनीय है। पार्टी के छोटे-बड़े सभी जिम्मेदार लोगों व कार्यकताओं को और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ना है। यूपी के इस उपचुनाव परिणाम ने एकबार फिर से यह साबित किया है कि केवल बीएसपी में ही यहाँ भाजपा को हराने की सैद्धान्तिक व जमीनी शक्ति है। यह बात पूरी तरह से खासकर समुदाय विशेष को समझाने का पार्टी का प्रयास लगातार जारी रहेगा ताकि प्रदेश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक परिवर्तन हो सके।
आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी (SP) के धर्मेंद्र यादव को 8679 मतों से हराया। वहीं रामपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने 42,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने अपनी पराजय के लिए बीजेपी और बीएसपी के 'गठबंधन' को जिम्मेदार करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी हार के लिए भाजपा-बसपा के गठबंधन को बधाई दूंगा, जो प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति के चुनाव में भी सामने आ गया। आजमगढ़ के चुनाव में यह गठबंधन पहले से ही चल रहा था। अगर वे दोनों गठबंधन करके मुझे हराकर खुश हैं, तो वे अपनी खुशी का इजहार जरूर करें। यह सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दिए जाने के कारण रिक्त हुई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर सपा का कब्जा था। रामपुर से सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान चुनाव जीते थे। विधायक बनने के बाद आजम खान ने रामपुर से इस्तीफा दे दिया था।
UP: रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को मिली हार, आजम खान ने कहा- न चुनाव थे, न ये चुनावी नतीजे हैं