नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने सबसे महत्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन की निर्माण कर रही पीएसयू नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया। अग्निहोत्री को बीते साल जून में एक आउट-ऑफ-टर्न जाकर रिटायरमेंट के बाद उनको NHSRCL का एमडी बनाया गया था।
रेलवे बोर्ड गुरुवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से पद छोड़ देने का निर्देश दिया। रेलवे बोर्ड के पत्र में बर्खास्त करने के आदेश का कोई कारण नहीं बताया गया है। सूत्रों की माने तो इसकी वजह अग्निहोत्री को खिलाफ लोकपाल अदालत के द्वारा सीबीआई जांच के आदेश है। लोकपाल अदालत ने आरवीएनएल के कार्यकाल के दौरान एक निजी कंपनी के साथ कथित तौर पर अग्निहोत्री द्वारा किए गए "क्विड प्रो क्वो" सौदे के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।
2 जून को न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी की लोकपाल अदालत ने सीबीआई को जांच का निर्देश दिया था कि क्या अग्निहोत्री के खिलाफ "भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कोई अपराध बनता है।। इस मामले की जांच रिपोर्ट छह महीने के भीतर लोकपाल को देने का निर्देश दिया था।
बीते साल सितंबर में लोकपाल में दायर एक शिकायत आरोप लगाया गया था कि आरवीएनएल के दो पूर्व अधिकारी सतीश अग्निहोत्री और एक पूर्व निदेशक फाइनेंस ने अपने पद का दुरुपयोग किया और एक निजी कंपनी को अवैध तरीके से 1,100 करोड़ रुपये (ब्याज सहित 1,600 करोड़ रुपये) दिए। इसके साथ ही अग्निहोत्री सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए आरवीएनएल द्वारा एनईसीएल को दिए गए बड़े ठेके दिलाने में कामयाब रहे।