नई दिल्ली: कांग्रेस ने आखिरकार 24 घंटे से उत्तर प्रदेश-राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी बसों को वापस भेज दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन बसों पर अनुमति नहीं दी, जिसके बाद ये फैसला किया गया। भरतपुर के चिकसाना पुलिस स्टेशन के प्रभारी सरवन पाठक ने कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रवेश से इनकार किए जाने के बाद बसें अब लौट रही हैं। लगभग 400 बसें हैं।' उत्तर प्रदेश वापस जाने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस द्वारा बसों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन राज्य सरकार ने वाहनों के प्रवेश की अनुमति से इनकार कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'मेरा मुख्यमंत्री जी से इतना ही आग्रह है कि इन बसों को इस्तेमाल करना है, तो कीजिए। अगर इस्तेमाल नहीं करना, तो हम इन्हें वापस भेज देंगे, जैसे तीन दिन पहले आपके ऐलान के बाद भेजा था।'
उन्होंने कहा, 'आज 24 घंटे हो गए। अगर आपको इस्तेमाल करनी है तो कीजिए; हमें अनुमति दीजिए; भाजपा के झंडे लगाने हैं, तो लगाइए, लेकिन इन बसों को चलने दीजिए। क्योंकि अब तक 92,000 लोग घर पहुंच सकते थे। कल हमने 900 बसें राजस्थान-यूपी बॉर्डर और गाजियाबाद बॉर्डर पर खड़ी की थी। अगर ये बसें चली होती तो दो दिन में लगभग 72,000 लोग सुरक्षित अपने घर पहुंच चुके होते। कल हमारी बसों को यूपी में प्रवेश करने की अनुमति ही नहीं दी।'
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'पिछले चार दिनों में हमने जो ओछी राजनीति देखी है उससे मन खट्टा हो गया है। क्या योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए उनकी राजनीति ही सब कुछ है? क्या श्रमिकों का दर्द उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने झूठ बोला। प्रदेश और केंद्र की सरकार ने मजदूरों से मुंह फेर लिया। इससे ज्यादा राष्ट्रविरोधी कुछ नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश प्रशासन ने खुद माना कि 879 बसें सही थीं। अगर ये बसें चलाई जातीं तो अब तक 92 हजार लोगों को उनके घर भेज दिया जाता। लेकिन योगी सरकार ने राजधर्म से मुंह मोड़ा है।'