चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के टिकट वितरण में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) की कोई भूमिका नहीं है। पंजाब कांग्रेस के एक धड़े के नेताओं में इस बात को लेकर अटकले हैं राज्य में विधानसभा का टिकट किसे दिया जाए, इसका निर्णय पीके कर रहे हैं। कैप्टन ने मंगलवार को कहा, 'इसका कोई सवाल ही नहीं है। टिकट वितरण में किशोर की कोई भूमिका नहीं है।'
पीके निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं-कैप्टन
मुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा, 'मेरे राजनीतिक सलाहकार के रूप में प्रशांत किशोर की भूमिका सीमित है। वह केवल सलाह देने के लिए हैं। वह पार्टी की निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं।' कैप्टन ने कहा कि टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में कुछ मानक और तरीके हैं। ये मानक और तरीके सभी राज्यों के सभी चुनावों में अपनाए जाते हैं, पंजाब इसका कोई अपवाद नहीं है। विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी हाई कमान ने राज्य चुनाव समिति बनाई है। यह समिति सभी उम्मीदवारों के नामों पर विचार करती है और उसे अंतिम रूप देती है।
'उम्मीदवारों के चयन पर प्रक्रिया का होता है पालन'
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद चुनाव लड़ने के लिए चयनित नामों को स्क्रूटनिंग के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजा जाता है। इस स्क्रीनिंग कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होते हैं। उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति करती है। इसमें किसी एक व्यक्ति की कोई भूमिका नहीं होती है। कैप्टन ने आगे बताया कि टिकट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में प्रदेश इकाई, स्वतंत्र एजेंसी सहित आंतरिक एवं वाह्य पक्षों से इनपुट्स लिए जाते हैं। यही प्रक्रिया 2017 के विधानसभा चुनावों में अपनाई गई थी और इस चुनाव में भी इसे दोहराया जाएगा।
पीके को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया है
सीएम अमरिंदर ने गत एक मार्च को प्रशांत किशोर को विधानसभा चुनावों के लिए अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया है। उनकी इस नियुक्ति को पंजाब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। पीके का दर्जा कैबिनेट मंत्री का है। उनकी इस नियुक्ति पर पंजाब कांग्रेस का एक धड़ा असहज है। सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के इन नेताओं में चर्चा है कि विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण प्रक्रिया को पीके प्रभावित कर सकते हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भी पीके कैप्टन के राजनीतिक सलाहकार बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस को विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत मिली थी।
अगले साल फरवरी-मार्च में होंगे चुनाव
पंजाब में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होंगे। इस बार राज्य में मुकाबला कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच है। राज्य में आप मुख्य विपक्षी पार्टी है।