नई दिल्ली: झारखंड के धनबाद में जज उत्तम आनंद की मौत का मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट को जो बताया है उससे पूरा केस साफ हो गया है। सीबीआई ने कहा है कि जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई थी। हाई कोर्ट ने इस पर कहा कि पहली बार किसी जज की ऐसे हत्या की गई है, जिसकी वजह से ज्यूडिशियल ऑफसर डरे हुए हैं। कोर्ट ने CBI से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने को कहा है। CBI ने दावा किया है कि वह जल्द ही हमलावरों तक पहुंच जाएगी।
धनबाद कोर्ट के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद 28 जुलाई की तड़के धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एक काफी चौड़ी सड़क के एक किनारे पर सैर कर रहे थे, तभी एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्हें पीछे से टक्कर मारकर वह मौके से भाग गया। अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के संयुक्त निदेशक शरद अग्रवाल मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष ऑनलाइन पेश हुए और कहा कि न्यायाधीश की मृत्यु कोई दुर्घटना नहीं है। हालांकि, मौत के पीछे साजिश के सिद्धांत की जांच की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि किसी न्यायाधीश की मौत देश में इस तरह की पहली मौत है और इससे न्यायपालिका का मनोबल हिल गया है। न्यायाधीशों ने कहा कि समय पर जांच का मतलब है और जितना अधिक समय व्यतीत होगा, सच्चाई का पता लगाना उतना ही कठिन होगा। सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने अपने अधिकारियों को काम पर लगा दिया है जो घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
अग्रवाल ने अदालत को आगे बताया कि ऑटो रिक्शा चालक लखन शर्मा आदतन अपराधी है और पहले भी मोबाइल चोरी कर चुका है। वह अपने बयानों से पलट रहा है। मामले की गहराई तक पहुंचने के लिए सीबीआई हर संभव कोशिश कर रही है। सीबीआई ने 4 अगस्त को इस मामले को संभाला था। हालांकि अभी तक कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं हुई है। हाई कोर्ट सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी कर रहा है।