राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में मानवता को झकझोरने वाली घटना के साथ मानवता का धर्म निभाने की मिसाल भी सामने आई है। यहां कल्याणपुरा गांव के जोहड़ में गुरुवार सुबह एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली। जिसका गला दुपट्टे से घोंटा हुआ था। नवजात को वहां से गुजरने वाले 11 वर्षीय बच्चे ने देखा तो तुरंत इसकी जानकारी अपनी मां को दी। ममता से भरी मां भी तुरंत मौके पर पहुंची ओर गले पर बंधा उसका दुपट्टा तुरंत हटाकर सीने से सटाकर उसे घर ले आई। जहां उसने मिट्टी से सनी मासूम को गर्म पानी से नहलाकर उसे कपड़े से ढका। जिसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस के हवाले कर राजकीय धानुका अस्पताल पहुंचाया। जहां नवजात का उपचार शुरू हुआ। घटना को लेकर लोगों का यही कहना है कि जन्म देने वाली मां ने तो मासूम गला दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया, लेकिन अनजान मां ने उसे जीवनदान दे दिया।
गला दबने पर नहीं निकल पाई आवाज
जानकारी के मुताबिक कल्याणपुरा गांव में एनएच 52 स्थित जोहड़े में नवजात एक आंकड़े के पेड़ के नीचे छोड़ी गई थी। गांव का 11 वर्षीय प्रदीप जब उधर से खेलता हुआ गुजरा तो उसने रोती हुई मासूम की आवाज सुनी। देखकर वह तुरंत अपनी मां गंगा देवी नेहरा के पास गया। जहां घटना की जानकारी मिलते ही गंगा देवी भी तुरंत मौके पर पहुंची। देखा तो गला दबा होने के कारण मासूम की आवाज रुंध रही थी। बिलखते हुए देख गंगा देवी ने जल्दी से गले का दुपट्टा खोला और उसे घर ले आई।
2 दिन की नवजात अब स्वस्थ
सूचना पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने नवजात को राजकीय धानुका अस्पताल पहुंचाया। जहां उसका उपचार शुरू हुआ। चिकित्सकों ने बताया कि नवजात का जन्म 48 घंटों में हुआ है और फिलहाल वह स्वस्थ है।