- बीरभूम के बोगटुई गांव में घरों के भीतर 9 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
- कलकत्ता हाईकोर्ट ने नरसंहार की जांच सीबीआई को करने का निर्देश दिया था।
- सीबीआई आवश्यक सबूत एकत्र कर जांच को आगे बढ़ा रही है।
बीरभूम हत्याकांड में सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है। उसने इस केस में पहली गिरफ्तारी की है। चार संदिग्धोंं को मुंबई से पकड़ा गया है। सीबीआई ने बोगतुई गांव में 21 मार्च को लोगों की हत्या के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच संभालने के बाद मामले में पहली गिरफ्तारियां की हैं। चारों आरोपी हत्याओं के तुरंत बाद बोगतुई से मुंबई भाग गये थे और उन्हें गुरुवार तड़के उनके ठिकानों से पकड़ा गया।
अधिकारी ने बताया कि चार गिरफ्तार आरोपियों में से दो के नाम हत्याओं के सिलसिले में दर्ज एफआईआर में हैं जिनकी पहचान बप्पा और शाबू शेख के रूप में की गई है। हम उन्हें मुंबई की एक अदालत में पेश करेंगे और पश्चिम बंगाल ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड का अनुरोध करेंगे।
टीएमसी पंचायत अधिकारी भादु शेख की हत्या के बाद बदमाशों ने 21 मार्च को बीरभूम के बोगटुई गांव में घरों पर हमला किया था और घरों में आग लगा दी थी, जिसमें बच्चों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को शेख की हत्या के बाद हुए नरसंहार की जांच करने का निर्देश दिया है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एक एसआईटी मामले की जांच कर रही थी। हालांकि टीएमसी पंचायत अधिकारी की हत्या की जांच जिला पुलिस कर रही है।
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उसी दिन सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम ने बोगटुई के दो निवासियों सोना शेख और फातिक शेख के घरों का दौरा किया। जिनके घरों में आग लगा दी गई थी और आवश्यक नमूने एकत्र किए।
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सीबीआई अधिकारी ने कहा कि आज उनके घरों से आवश्यक नमूने एकत्र किए गए हैं। हम उन्हें फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेजने की योजना बना रहे हैं। अधिकारी के अनुसार, सोना शेख, जो एक स्थानीय विवाद में शामिल होने के लिए पुलिस द्वारा वांछित था, एक साल से अधिक समय से फरार था।