- रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति को सीडीएस बिपिन रावत ने दिया भरोसा
- लद्दाख में एलएसी पर तैनात सैनिकों के लिए रसद की कमी नहीं
- संसदीय समिति की बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किए तीखे सवाल
नई दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में भारत और चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति को सीडीएस बिपिन रावत ने भरोसा दिया है कि एलएसी पर तैनात सैनिकों खासतौर से अतिरिक्त सैनिकों के लिए भी राशन की कमी नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक सेना के अधिकारियों ने समिति के सदस्यों से कहा कि एलएसी पर रसद की कमी नहीं है। करीब 10 महीने के राशन का इंतजाम पहले से ही किया गया है ताकि किसी भी स्थिति में आवश्यक सेवाएं बाधित न हो।
संसदीय समिति के सामने आया रसद का मुद्दा
समिति के चेयरमैन जुएल ओरम से एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि एलएसी पर हालात के बारे में सभी सदस्यों को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। देश की जनता भी जानना चाहती है कि जमीन पर स्थिति कैसी है। खासतौर से रसद और पोषण के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भी तरफ से कई सवाल पूछे गए थे। समिति के चेयरमैन ने कहा कि यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी इस बैठक में शामिल हुए और वास्तविक हालात को समझ रहे हैं।
कांग्रेस की भूमिका पर उठे सवाल
समिति के ही एक सदस्य अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल डी पी वत्स ने कहा कि यह सुनकर उन्हें दुख हो रहा है कि संसद से पहले संसदीय समिति की कार्यवाही को लीक किया जा रहा है। यह किसी भी सूरत में अच्छी कोशिश नहीं है। कांग्रेस जानबूझकर पोषण वाले मुद्दे को लीक करने की कोशिश की है जिस पर चर्चा की गई। अच्छा रहता कि संसद में इस विषय पर दस्तावेज रखने के बाद वो रिपोर्ट पर राजनीतिक सवाल दागते।
घटिया किस्म वाले राशन का आरोप गलत
घटिया किस्म के राशन के बारे में डी पी वत्स मे कहा कि इस तरह के आरोप आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि आज भी टॉप पोस्ट पर जो जवान तैनात होते हैं उनके लिए राशन व्यवस्था ब्रिटिश लाइन पर चलाई जा रही है। टॉप पोस्ट पर पहले भी ब्रेड इस्तेमाल में लाया जाता था और वो सिस्टम आज भी मौजूद है। डी पी वत्स बताते हैं कि एलएसी वो कॉमन एरिया है जहां दोनों देशों की सेनाएं गश्त करती हैं। चूंकि भारत और चीन के बीच कई इलाकों में सीमाओं का रेखांकन नहीं है और वो विवाद का बड़ा केंद्र है।