- 1971 में आज के ही दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था
- जनरल रावत ने इस खास दिन को मनाने के लिए रिकॉर्ड किया था खास संदेश
- हमारे बीच होते तो जनता से क्या कहते सीडीएस जनरल रावत, देखें वीडियो
नई दिल्ली: तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने आज के विशेष दिन के लिए एक मैसेज रिकॉर्ड कराया था।1971 में आज के ही दिन पाकिस्तान को युद्ध में हराया था और इस 'स्वर्णिम विजय पर्व' में सीडीएस बिपिन रावत को भी शामिल होना था और इसके लिए विशेष तैयारियां होनी थीं। जनरल रावत ने इस खास अवसर के लिए अपना एक विशेष संदेश रिकॉर्ड कराया था। उनका यह संदेश आज प्रसारित हुआ, जानिए उन्होंने अपने संदेश में क्या कहा-
क्या बोले दिवंगत सीडीएस रावत
दिवंगत रावत अपने संदेश में बोले, 'स्वर्णिम विजय पर्व के अवसर पर मैं भारतीय सेना के सभी जवानों को हार्दिक शुभकामाएं देता हूं। भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजय पर्व दिवस के रूप में मना रहे हैं। मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेनाओं के वीर जवानों को याद करते हुए, उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। 12 से 14 दिसंबर तक इंडिया गेट पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह बड़े सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति की लौ की छाव में आयोजित किया जा रहा है जो कि हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी। हम सभी देशवासियों को इस विजय पर्व के जश्न में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं। अपनी सेनाओं पर है हमे गर्व, आओ मिलकर मनाएं यह विजय पर्व। जय हिंद!'1971 में आज के ही दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान को युद्ध में शिकस्त दी थी। पूरा देश इस युद्ध की 50वीं वर्षगांठ को विजय पर्व के रूप में मना रहा है।
दुर्घटना में हुई थी मौत
आपको बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा स्वर्णिम विजय दिवस मनाया जा रहा है जिसके लिए जनरल रावत ने यह खास संदेश रिकॉर्ड किया था। आपको बता दें कि देश के पहले सीडीएस जनरल रावत को तीनों सेवाओं के बीच समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह पिछले दो वर्ष से कड़े रुख एवं विशिष्ट समय सीमा के साथ इस कार्य को आगे बढ़ा रहे थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य रक्षाकर्मियों की मौत हो गई।