- बुधवार को कुन्नूर में हादसे का शिकार हो गया वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर
- इस हेलिकॉप्टर में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी सहित सेना के 14 लोग सवार थे
- वेलिंग्टन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज में एक लेक्चर देने जा रहे थे सीडीएस रावत
हरिद्वार : सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित कर दी गईं। जनरल रावत की दोनों बेटियां कृतिका एवं तारिणी ने अपने पिता एवं मा की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। शनिवार सुबह दोनों बेटियों ने दिल्ली के बरार स्क्वायर से सीडीएस रावत की अस्थियों को चुना और फिर हरिद्वार के लिए रवाना हुईं। रावत परिवार के हरिद्वार पहुंचने पर पंडितों ने गंगा घाट पर पारंपरिक पूजन किया, इसके बाद अस्थियां गंगा में प्रवाहित हुईं। इस दौरान गंगा घाट के चारों तरफ 'सीडीएस रावत अमर रहें' के बोर्ड लग थे।
हरिद्वार में भी उमड़े लोग
जनरल रावत का परिवार चाहता था कि विसर्जन के समय वहां भीड़ न हो, अंतिम समय में उन्हें अकेला छोड़ा जाए, फिर भी गेट तक लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। गंगा घाट के आस-पास तीनों सेनाओं के अधिकारी और मिलिट्री पुलिस मौजूद थी।
जनरल रावत का चॉपर क्रैश हुआ था
शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ जनरल रावत का अंतिम संस्कार किया गया। गत बुधवार को सीडीएस रावत को ले जा रहा हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायु सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी सहित सेना के 14 लोग सवार थे। इस भीषण हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु में इलाज चल रहा है।
चॉपर हादसे में 13 लोगों की जान गई
इस भीषण हादसे में सीडीएस रावत उनकी पत्नी के अलावा ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (पायलट), स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह (को-पायलट), जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, ए प्रदापी, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवक कुमार एवं लांस नायक बी साई तेजा की जान गई।