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Helicopter Crash होने के बाद भी जिंदा थे CDS रावत, बचावकर्मी ने बताया आखिरी बार हिंदी में क्या बोले थे जनरल रावत

Updated Dec 09, 2021 | 08:46 IST

बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी  समेत 11 अन्य का निधन हो गया ।

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जानिए आखिरी बार क्यो बोले थे CDS रावत,बचावकर्मी की आंखो देखी
मुख्य बातें
  • तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी समेत 11 की हुई थी मौत
  • हादसे के बाद का बचावकर्मी ने बताया कि जनरल रावत ने धीमी आवाज में क्या कहा था
  • जंगल में हादसा होने की वजह से आई रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत

नई दिल्ली: बुधवार का दिन पूरे देश के लिए बहुत बुरी खबर लेकर सामने आया है। भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से इसमें सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गई। इस हादसे में सीडीएश बिपिन रावत और उनकी पत्नी की भी मौत हो गई। जैसे ही जनरल रावत की मौत की खबर सामने आई तो पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। हादसे के तुरंत बाद जब रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया तो इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 

बचावकर्मी की आंखो देखी

वीडियो में एक शख्स को बचावकर्मी चादर में लपेटकर ले जा रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि घायल शख्स जनरल रावत थे। हादसे में एकमात्र जिंदा बचे शख्स का नाम ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह है जिनका अभी इलाज चल रहा है। शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा है। एनबीटी के मुताबिक, हादसे के बाद घटना स्थल पर पहुंचे वरिष्ठ फायरमैन और बचावकर्मी एनसी मुरली ने बताया कि हमने दो लोगों को जिंदा बचाया। इनमें से एक सीडीएस रावत थे। 

धीमी आवाज में हिंदी में की थी ये बात

मुरली के मुताबिक, जब उन्होंने जनरल रावत को बाहर निकाला तो वह जिंदा थे और उन्होंने बचावकर्मियों से धीमी आवाज में हिंदी में बात करते हुए अपना नाम बताया। अस्पताल ले जाने के दौरान जनरल रावत की मौत हो गई। मुरली ने बताया कि वह दूसरे घायल शख्स (ग्रुप कैप्टन वरुण) की पहचान नहीं कर सके, जिनका अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मुरली के मुताबिक जनरल रावत के निचले हिस्से में काफी चोटें आई थी उन्हें चादर में लपेटकर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया था। 

रेस्क्यू ऑपरेशन में आई दिक्कत

जंगल में हादसा होने की वजह से यहां बचाव और राहतकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जंगल में आग बुझाने के लिए वाहन ले जाने के साधन नहीं था जिस वजह से पास की नदी और घरों से बर्तन के जरिए पानी लाया गया। इस दौरान एक पेड़ के उखड़ जाने की वजह दिक्कतें और ज्यादा बढ़ गईं। इससे पहले वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘बहुत ही अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।’

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