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नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसी भी क्षेत्र को ‘रेड’, ‘ऑरेंज’ या ‘ग्रीन’ जोन घोषित करने के लिए रविवार को मानदंड तय करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या, कोविड-19 मामलों के दोगुने होने में लगने वाले समय और प्रति लाख आबादी पर संक्रमित लोगों की संख्या आदि का ध्यान रखा है। इन मानदंडों का पालन करते हुए सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सोमवार से शुरू हो रहे लॉकडाउन 4.0 के दौरान अपने क्षेत्रों को तीन जोन में बांट सकेंगे।
मंत्रालय ने किसी भी स्थान को निषिद्ध क्षेत्र या ‘बफर जोन’ घोषित करने के लिए मानदंड तय किए हैं और उन क्षेत्रों में संक्रमण प्रसार के चेन को तोड़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा है कि राज्य अपने यहां जिलों या निगम क्षेत्रों को हॉट-स्पॉट, रेड, ऑरेंज या ग्रीन जोन में श्रेणीबद्ध कर सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश अपनी सहूलियत के अनुसार, पूर्ण विश्लेषण करने के बाद उपखंडों, ब्लॉक या वार्ड या अन्य किसी भी उपयुक्त प्रशासनिक इकाई को रेड, ऑरेंज या ग्रीन जोन घोषित कर सकते हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन 4.0 के दिशा-निर्देश जारी किए जाने के बाद स्वास्थ्य सचिव ने यह पत्र लिखा है।
पत्र में सूदन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी क्षेत्र को इन तीनों जोन आदि में श्रेणीबद्ध करने के लिए कुल इलाजरत मामलों, प्रति लाख आबादी पर संक्रमित लोगों की संख्या, सात दिन के औसत के अनुसार संक्रमित लोगों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाला समय, संक्रमण से मृत्यु दर, प्रति लाख आबादी पर जांच की दर और कितने लोग की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, इसकी दर को ध्यान में रखा जाए।