- सीएए पर नियम बनाने के लिए 6 और महीने का समय मिला
- सीएए को विपक्षी दल पहले ही बता चुके हैं सांप्रदायिक
- गैर बीजेपी दलों को कहना है कि वो सीएए को अपने राज्य में नहीं लागू होने देंगे।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों को लागू होने में छह और महीने लग सकते हैं, जबकि देशव्यापी नागरिक रजिस्टर (NRC) के बारे निर्णय लेना बाकी है। गृह मंत्रालय ने लोकसभा को बताया कि कानून के नियमों को लागू करने के लिए संसद के दोनों सदनों में अधीनस्थ विधान पर समितियों से समय का विस्तार मिला है। लोकसभा समिति ने 9 अप्रैल, 2021 तक का समय दिया है, राज्यसभा समिति ने 9 जुलाई, 2021 तक की समय सीमा बढ़ा दी है।
सीएए पर नियम बनाने के लिए 6 और महीने मिले
नियमों के बनाए जाने के संदर्भ में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) को 12.12.19 को अधिसूचित किया गया था और यह 10.01.2020 से प्रभावी भी हो चुका है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत नियम तैयार किए जा रहे हैं। बता दें कि विपक्ष इसे विवादास्पद कानून बताता है। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, जैन, सिख, पारसी, ईसाई और बौद्ध समुदायों से संबंधित अवैध प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करता है। बता दें कि संसद में विपक्ष द्वारा आलोचना के बीच संसद द्वारा पारित किया गया था। इस कानून के बारे में विपक्ष का कहना है कि इसके पीछे सांप्रदायिक एजेंडा छिपा है।
गैर बीजेपी शासित राज्यों को सीएए पर है ऐतराज
सीएए के बारे में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कानून पारित किए जाने से पहले बताया था कि अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) को तैयार करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। हालांकि विपक्ष का कहना था कि इसके जरिए मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास होगा। इसके विरोध में अलग अलग राज्यों ने ऐलान किया था कि वो सीएए को जमीन पर लागू नहीं होने देंगे।