- छठ पूजा 18 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक आयोजित होगा
- छठ पूजा के दौरान बिहार,यूपी,झारखंड में खास इंतजाम किए गए हैं
- कोरोना के बचाव के लिए घाटों पर खास इंतजाम किए गए हैं
नई दिल्ली: छठ महापर्व 18 नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। यह पर्व चार दिनों का होता है जो 18 नवंबर से लेकर 21 नवंबर तक चलेगा। नहाय- खाय के दौरान व्रती अरवा चावल का भात, चने की दाल, कद्दू की सब्जी तथा धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं । सूर्य की पूजा के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानि गुरुवार को व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा ।
खरना के तहत दूध, अरवा चावल व गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा जो कि 20 नवंबर की शाम अस्ताचलगामी सूर्य और 21 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा । बिहार, यूपी,झारखंड और मुंबई में जानिए छठ पर्व मनाने की क्या है गाइडलाइंस।
बिहार
- बिहार में राज्य सरकार ने इस पर्व को मनाने के लिए गाइडलाइंस जारी की है जो इस प्रकार है-
- स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सलाह में सभी व्रतियों से यथासंभव अपने घर पर ही छठ पूजा का आयोजन करने को कहा है।
- छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है।
- छठ व्रत के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करने तथा 2 गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दी गई है।
- तालाब में अर्ध्य देने के दौरान डुबकी नहीं लगाने की सलाह दी गई है।
- कोविड के खतरे को देखते हुए छठ घाटों पर भीड़ भाड़ नहीं लगाए जाने के साथ वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
पटना में 24 घाट खतरनाक घोषित
सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती
बिहार के मुख्यमंत्री और प्रशासन ने सभी लोगों से वर्तमान कोरोना संक्रमण को देखते हुए सचेत रहने और अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतने की अपील की । गौर हो कि छठ के दौरान सुबह और शाम दो वक्त का अर्घ्य होता है और इस वक्त घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ हो सकती है जिसे लेकर इंतजाम करना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती होगी।
यूपी
कोरोना संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छठ पूजा के लिए गाइडलाइन जारी की है। इस दौरान सुरक्षा के कड़े निर्देश दिए गये हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सरकार की तरफ से निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पूजन स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए जाने, सभी कार्यक्रमों में दो गज की दूरी व मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
यूपी में भी छठ पूजा को लेकर गाइडलाइंस जारी की गई है जिसके तहत छठ पूजा स्थल पर 2 गज की दूरी और मास्क का प्रयोग जरूरी होगा। छठ पूजा स्थल पर महिलाओं के लिए चेंज रूम बनाए जाएंगे और पूजा स्थल पर डॉक्टर के साथ एम्बुलेंस तैनात रहेगी । तालाबों के किनारे साफ-सफाई सुनिश्चित की जाएगी और नदी-तालाब के किनारे पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाएगा। साथ ही घाटों में पानी के बहाव की समुचित व्यवस्था की जाएगी। घाटो
झारखंड
झारखंड सरकार के मंगलवार को लिए गए निर्णय के बाद अब राज्य में नदियों तालाबों, बांध और झील आदि का इस्तेमाल छठ महापर्व के लिए किया जा सकेगा। मुख्य सचिव के हस्ताक्षर युक्त संशोधित दिशा निर्देशों में जल स्रोतों के किनारे छठ पूजा की अनुमति दी गई लेकिन घाटों के आसपास दूकानें आदि लगाने तथा संगीत कार्यक्रम आदि पर पहले की तरह रोक जारी रहेगी।
- नए दिशानिर्देशों के अनुसार, दो व्यक्तियों के बीच छह फुट का सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए, लोगों को कन्टेनमेंट जोन के बाहर खुले स्थानों में पर्व मनाने की अनुमति है।
- मास्क पहनना अनिवार्य है और व्यक्तियों को न्यूनतम निर्धारित दूरी बनाए रखनी होगी। सार्वजनिक स्थानों पर, विशेषकर जल निकायों में थूकना भी प्रतिबंधित है।
- तालाबों और नदियों के पास स्टॉल लगाने पर प्रतिबंध लागू रहेगा, साथ ही छठ घाटों पर बैरिकेडिंग, मार्किं ग या बिजली की सजावट पर भी प्रतिबंध रहेगा।
- सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ना और सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और मनोरंजन कार्यक्रमों के आयोजन की भी अनुमति नहीं होगी।
मुंबई
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मुंबई स्थानीय निकाय ने छठ पूजा के मौके पर समुद्र तटों, नदियों और अन्य प्राकृतिक जलाशयों के किनारे भीड़ जुटने पर प्रतिबंध लगाते हुए श्रद्धालुओं से कहा है कि वे बड़ी संख्या में इन स्थानों पर जमा होने से बचें।बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मंगलवार को छठ पूजा के संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हुए लोगों से संक्रमण से बचने के लिए बड़ी संख्या में जमा नहीं होने के लिए कहा है।
बीएमसी के जारी बयान के मुताबिक छठ पूजा उत्सव को सिमित करने का निर्णय किया है क्योंकि अगर लोग नदी किनारे और समुद्र तटों पर बड़ी संख्या में पूजा-अर्चना के लिए जमा होते हैं तो सामाजिक मेल जोल से दूरी का पालन करवा पाना मुश्किल हो जाएगा। बीएमसी ने कहा कि जल इकाइयों के किनारे बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने और उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बीएमसी ने लोगों से अपील की है कि वह कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए मास्क पहने, सामाजिक दूरी बनाए रखें और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।