- छठ पूजा 4 दिनों का महापर्व है, जो नहाय-खाय से शुरू होता है
- यह सूर्य की उपासना का त्योहार है, जो सूर्य देव को अर्घ्य के साथ संपन्न होता है
- बिहार के साथ-साथ पूर्वी यूपी के कई हिस्सों में भी यह त्योहार मनाया जाता है
नई दिल्ली : बिहार और पूर्वी यूपी में छठ पूजा को लेकर जहां तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं, वहीं लोग छुट्टियों का भी हिसाब-किताब भी लगा रहे हैं, ताकि छठ-पूजा बिना किसी कामकाजी तनाव के संपन्न हो सके। छठ पूजा हालांकि इस बार शनिवार और रविवार को है, जिसकी वजह से उन लोगों को छुट्टी की समस्या नहीं होने वाली है, जिनका दफ्तर 5 कामकाजी दिनों का होता है। हालांकि बिहार, यूपी और दिल्ली में छठ पूजा के अवसर पर उन लोगों को भी सरकारी छुट्टी का लाभ मिलेगा, जो सोमवार से शनिवार तक 6 कामकाजी दिनों में काम करते हैं।
बिहार में 'महापर्व' के रूप में चर्चित छठ पूजा के अवसर पर 2 नवंबर और 3 नवंबर को अवकाश रहेगा। हालांकि छुट्टी के लिहाज से देखा जाए तो 3 नवंबर को रविवार होने की वजह से अवकाश का कोई अर्थ नहीं रह जाता है, क्योंकि इस दिन दफ्तर पहले ही बंद रहते हैं। हालांकि शनिवार को जिन लोगों का दफ्तर होता है, उन्हें इसका फायदा मिलेगा। बैंककर्मी खास तौर पर लाभान्वित होंगे, जिन्हें दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश मिलता है। अब 2 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर उन्हें महीने के पहले शनिवार को भी अवकाश मिलेगा।
उधर, यूपी और दिल्ली में भी छठ पूजा के अवसर पर सरकारी दफ्तरों में अवकाश है। यूपी और दिल्ली में 2 नवंबर को छठ पूजा पर अवकाश है। हालांकि इसे 'रेस्ट्रिकटेड हॉलिडेज' में शामिल किया गया है, जिसका अर्थ यह है कि सरकारी कर्मचारी उस दिन की छुट्टी चाहें तो ले सकते हैं और चाहें तो नहीं भी ले सकते हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में छठ पूजा साल में दो बार मनाई जाती है। एक बार यह पूजा हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास में मनाई जाती है, जो आम तौर पर मार्च में होती है, जबकि दूसरी बार छठ पूजा कार्तिक मास में मनाई जाती है, जो दिवाली के 6 दिन बाद आम तौर पर नवंबर में होती है। 4 दिनों के इस महापर्व में शुद्धता व शुचिता का खास ख्याल रखा जाता है, जो 'नहाय-खाय' से शुरू होता है। यह सूर्य की उपासना का त्योहार है, जो चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होती है।